फिल्म दुल्हनिया नाच नचाये में मनोज भावुक के गीतों का जलवा

मुंबई। महान गीतकार शैलेन्द्र की पुण्यतिथि के अवसर पर रिलीज हुई भोजपुरी फिल्म दुल्हनिया नाच नचाये इन दिनों अपने सशक्त गीतों को लेकर चर्चा में है। इस फिल्म के गीत मशहूर गीतकार मनोज भावुक ने लिखे हैं, जो दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ रहे हैं। शैलेन्द्र ने भोजपुरी सिनेमा की पहली फिल्म गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो के सभी गीत लिखे थे, जिनकी लोकप्रियता आज भी मिसाल मानी जाती है। उन्हीं की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए मनोज भावुक के गीत भोजपुरी सिनेमा के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आए हैं।
शैलेन्द्र के गीतों की विरासत और आज का भोजपुरी सिनेमा
शैलेन्द्र के लिखे गीत जैसे सोनवा के पिंजरा में बंद भइल हाय राम, काहें बाँसुरिया बजवल, लुक छिप बदरा में चमके जइसे चनवा और अब त लागल मोरा सोरहवा साल आज भी भोजपुरी संस्कृति और जीवन दर्शन को जीवंत करते हैं। उस दौर में इन गीतों की ताकत ऐसी थी कि लोग बैलगाड़ी और पैदल चलकर भी सिनेमा देखने पहुंचते थे। आज के समय में जब कई भोजपुरी गीत दर्शकों को सिनेमा से दूर कर रहे हैं, तब मनोज भावुक जैसे गीतकार उम्मीद की नई किरण बनकर उभरे हैं।
वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर में मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स
फिल्म दुल्हनिया नाच नचाये का वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर 13 दिसंबर की शाम और 14 दिसंबर की सुबह हुआ, जहां दर्शकों ने इसके गीतों को हाथोंहाथ लिया। फिल्म का टाइटल सॉन्ग दुल्हनिया नाच नचाये लोगों की जुबान पर चढ़ चुका है। बेटी खातिर कवन घर आपन जैसा गीत इतना भावुक है कि दर्शकों की आंखें नम हो जाती हैं। हम जेठानी तू देवरानी और बनल रहे सुहाग जैसे गीत पारिवारिक मूल्यों और रिश्तों की मिठास को खूबसूरती से दर्शाते हैं।
मनोज भावुक और रजनीश मिश्रा की हिट जोड़ी
गीतकार मनोज भावुक और संगीतकार रजनीश मिश्रा की जोड़ी पहले भी कई यादगार गीत दे चुकी है। मेहंदी लगा के रखना फिल्म का गीत तोर बउरहवा रे माई हो या हाल की फिल्म आपन कहाये वाला के बा, इस जोड़ी ने हर बार श्रोताओं के दिलों पर राज किया है। दुल्हनिया नाच नचाये में भी दोनों की जुगलबंदी ने फिल्म को खास बना दिया है।
मनोज भावुक की बहुआयामी पहचान
मनोज भावुक केवल एक गीतकार ही नहीं हैं, बल्कि वे टेलीविजन पत्रकार, प्रतिष्ठित साहित्यकार, संपादक और मशहूर शायर भी हैं। भोजपुरी सिनेमा पर लिखी उनकी पुस्तक भोजपुरी सिनेमा के संसार उन्हें इस विधा का विश्वकोश कहलाने का अधिकार देती है। उन्हें फिल्मफेयर, फेमिना, दिल्ली प्रेस, भारतीय भाषा सम्मान सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
फिल्म की कहानी और कलाकारों का सशक्त अभिनय
दुल्हनिया नाच नचाये एक पारिवारिक भोजपुरी फिल्म है, जिसकी कहानी एक सीधी सादी बहू शुभी शर्मा पर हो रहे अत्याचारों से शुरू होती है। बाद में तेज तर्रार बहू के रूप में स्मृति सिन्हा की एंट्री होती है, जो अन्याय के खिलाफ खड़ी होकर सबको सबक सिखाती है। स्मृति सिन्हा और शुभी शर्मा का अभिनय प्रभावशाली है। अंशुमान सिंह, शिवम तिवारी, कंचन मिश्रा, रामसुजान सिंह, प्रकाश जैस और रिंकू भारती ने भी अपने किरदारों को मजबूती दी है। प्रीति मौर्या का विशेष अतिथि किरदार दर्शकों का ध्यान खींचता है।
तकनीकी पक्ष और निर्माण
रेणु विजय फिल्म्स एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्माता डॉ संदीप उज्ज्वल और सुशांत उज्ज्वल हैं। फिल्म के लेखक, निर्देशक और संगीतकार रजनीश मिश्रा हैं। सिनेमैटोग्राफी देवेंद्र तिवारी, एडिटिंग दिनेश प्रजापति, एक्शन हीरा यादव और डांस कोरियोग्राफी विवेक थापा ने संभाली है।
कुल मिलाकर दुल्हनिया नाच नचाये अपने सशक्त गीतों, मजबूत कहानी और पारिवारिक मूल्यों के कारण भोजपुरी सिनेमा में एक यादगार फिल्म के रूप में उभर रही है।
