उदयपुर डॉक्टर से 30 करोड़ ठगी का मामला: पुलिस ने मुंबई से फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट के को-प्रोड्यूसर और वेंडर को पकड़ा

उदयपुर के डॉक्टर से 30 करोड़ रुपए की ठगी के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंबई से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट के को-प्रोड्यूसर मेहबूब अंसारी और वेंडर संदीप त्रिलोभन शामिल हैं।
दोनों को मंगलवार को उदयपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 23 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। पुलिस का कहना है कि बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द होगी।
डीएसपी छगन पुरोहित ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी मीरा रोड, ठाणे निवासी को-प्रोड्यूसर मेहबूब अंसारी और पुरानी मुंबई–पुणे हाईवे निवासी वेंडर संदीप त्रिलोभन हैं। पुलिस की दो टीमें पिछले कई दिनों से मुंबई में कैंप कर आरोपियों की तलाश कर रही थीं।
शिकायत में इन 8 लोगों के नाम
यह मुकदमा उदयपुर के इंदिरा आईवीएफ के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया ने दर्ज कराया था। रिपोर्ट में जिन 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है, वे हैं:
1. फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट
2. उनकी पत्नी श्वेतांबरी भट्ट
3. बेटी कृष्णा भट्ट (अंधेरी वेस्ट, मुंबई)
4. दिनेश कटारिया (सहेली नगर, उदयपुर)
5. प्रोड्यूसर महबूब अंसारी (ठाणे)
6. मुदित बुटट्टान (दिल्ली)
7. गंगेश्वरलाल श्रीवास्तव, डीएससी चेयरमैन
8. अशोक दुबे, जनरल सेक्रेटरी – फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्प्लॉइज, मुंबई
डॉ. मुर्डिया का आरोप है कि उनकी दिवंगत पत्नी की बायोपिक बनाने के बदले 200 करोड़ रुपए की कमाई का झांसा देकर उनसे 30 करोड़ रुपए हड़पे गए।
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला
डॉ. अजय मुर्डिया अपनी पत्नी पर बायोपिक बनाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने उदयपुर के दिनेश कटारिया से संपर्क किया। कटारिया ने उन्हें 25 अप्रैल 2024 को मुंबई के वृंदावन स्टूडियो बुलाया और वहां फिल्म डायरेक्टर विक्रम भट्ट से मुलाकात करवाई।
वहां बायोपिक पर चर्चा के दौरान भट्ट ने कहा कि फिल्म निर्माण से जुड़े सभी काम वे देख लेंगे और डॉक्टर को केवल पैसे भेजने होंगे। भट्ट ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी और बेटी फिल्म निर्माण में उनकी सहायक हैं और पत्नी श्वेतांबरी भट्ट के नाम से ‘वीएसबी एलएलपी’ नाम की फर्म रजिस्टर्ड है।
डॉ. मुर्डिया का आरोप है कि इस भरोसे में उन्होंने लाखों-करोड़ों रुपए भेजे, लेकिन फिल्म निर्माण का कोई काम शुरू नहीं किया गया। बाद में उन्हें ठगी का अहसास हुआ और मामला दर्ज कराया।
