खून से रंगी ट्रेन: 1 घंटे 45 मिनट में मौत का तांडव, देख कांप जाएगी रूह!

फिल्मों की दुनिया में अक्सर हिट-फ्लॉप का खेल चलता रहता है। कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाती हैं, तो कुछ वहीं धूल फांक जाती हैं। लेकिन कई बार वही फिल्में, जो सिनेमाघरों में उतनी नहीं चलीं, ओटीटी पर आते ही तहलका मचा देती हैं।
आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे देखने के बाद आपकी रातों की नींद उड़ सकती है। इसमें खून इतना बहता है कि स्क्रीन ही लाल हो जाती है और हत्याएं इतनी बेरहमी से होती हैं कि आपकी रूह कांप जाएगी।
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### 🎬 कौन-सी है ये फिल्म?
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं राघव जुयाल और लक्षय झा की चर्चित फिल्म **‘Kill’** की।
इस फिल्म में मौतें गिनी नहीं जा सकतीं, क्योंकि हर सीन में खून-खराबा इतना ज्यादा है कि लगता है जैसे किसी कसाईखाने का दरवाज़ा खोल दिया गया हो।
कहानी का खौफनाक सफर
* फिल्म की कहानी *अमृत* नाम के कमांडो के इर्द-गिर्द घूमती है।
* अमृत को पता चलता है कि उसकी गर्लफ्रेंड *तूलिका* की सगाई किसी और से होने वाली है।
* दोनों दिल्ली से चलने वाली एक ट्रेन में सफर कर रहे होते हैं, लेकिन यह सफर डरावना बुरा सपना साबित होता है।
* ट्रेन आगे बढ़ती है और अचानक इसमें **50 से ज्यादा खूंखार बदमाश** चढ़ जाते हैं।
* मोबाइल नेटवर्क जैमर से बंद हो जाता है और फिर शुरू होता है **खूनी खेल**।
🩸 1 घंटे 45 मिनट = अनगिनत मौतें
इस फिल्म का हर मिनट किसी की जान लेता है।
राघव जुयाल का खलनायक अवतार दर्शकों के लिए सबसे बड़ा शॉक है। उनका निर्दयी अंदाज़ और खौफनाक हिंसा देखने के बाद यूजर्स तक कह उठे – *“इतना गोर, हमने इंडियन सिनेमा में पहले कभी नहीं देखा।”*
देखनी चाहिए या नहीं?
👉 अगर आप एक्शन, थ्रिल और खून-खराबे वाली फिल्में पसंद करते हैं, तो *Kill* आपको जरूर बांध लेगी।
👉 लेकिन अगर आप कमजोर दिल के हैं, तो बेहतर होगा कि इस फिल्म से दूरी बनाएँ, क्योंकि इसमें हिंसा की हदें पार कर दी गई हैं।
