.... फिर चोट हो गयी भिया।
जी हाँ, देश में मोदी युग में मिडिया फैल हो गया है. चुनाव परिणामो को लेकर सारे अनुमान, सर्वे धरे रह गए, याद है ना। अब राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तरह मप्र भी केंद्र शासित प्रदेश हो गया है, इसलिए जिन संभावित मंत्रियों के नाम मीडिया गिनाता रहा, वो सारे अनुमान चुनाव परिणाम की तरह फिर फेल साबित हो गए हैं। सयाने (दो नंबरी, माफ़ कीजिए, अब एक नंबरी ) कैलाश जी के मंत्री बन जाने से उनके प्रिय विधायक मेंदोला के समर्थकों की उम्मीद पर भी पाला पड़ गया है।
कुछ भी कहो भिया, प्रदेश में सर्वाधिक मतों से दूसरी बार कीर्तिमान बनाने वाले मेंदोला के साथ फिर चोट हो गयी भिया।
किसने सोचा था कि देश में इंदौर का नाम चमकाने नेताओं के सूची में नाम नहीं होंगे! चार-पांच बार से जीतते आ रहे विधायकों पर कैलाश विजयवर्गीय इतने भारी पड़ गए कि अब इनके समर्थकों को भी समझ आ रहा होगा कि उन्होंने मीडिया से क्यों कहा था- मुझे आप लोग ही हल्के में लेते हो। भारी भरकम मंत्रालय मिले ना मिले... इंदौर जिले में चलेगी तो उनकी ही।
इंदौर में कांग्रेस के वक्त महेश जोशी शेडो सीएम माने जाते थे, मोहन भिया (मुख्यमंत्रीजी), आप कुछ भी कहो, अब विजयवर्गीय का भी वैसा ही रुतबा रहना है।
और हाँ, कैलाश जी, अब जब हम मान रहे हैं कि चलेगी तो आपकी ही तो भिया वादा करें , इंदौर को देश का नंबर वन शहर बनाना है ।
==कैलाश सिसोदिया इंदौरी।