निजी अस्पतालों को भी पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में दर्ज करनी होगी मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट
जयपुर। प्रदेश के निजी अस्पतालों को भी अब मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति रिपोर्ट हर माह पीसीटीएस सॉफ्टवेयर में दर्ज करनी होगी। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक परिपत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में निजी क्षेत्र में संचालित कुछ ही अस्पतालों द्वारा अभी तक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की रिपोर्ट पीसीटीएस पोर्टल पर दर्ज की जा रही थी। प्रत्येक जिले के लक्ष्य अनुमानित जनसंख्या के आधार पर आवंटित किए जाते हैं।
निजी क्षेत्र में संचालित अस्पताल भी इसी जनसंख्या में से गर्भवती महिलाओं, प्रसूताओं एवं शिशुओं को टीकाकरण व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसे देखते हुए निजी अस्पतालों द्वारा प्रदत्त की गई समस्त सेवाओं की रिपोर्ट, लाइन लिस्ट, पीसीटीएस पोर्टल एवं यूविन पोर्टल पर अपडेट किया जाना आवश्यक है।
निदेशक आरसीएच डॉ. सुनीत सिंह राणावत एवं इंडियन मेडिकल एसोसियेशन के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. रजनीश शर्मा के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी परिपत्र में निर्देश दिए गए है कि निजी अस्पतालों को पोर्टल पर एएनसी रजिस्ट्रेशन, 12 सप्ताह पूर्व एएनसी रजिस्ट्रेशन, प्रसव पूर्व 4 जांच, टी.डी., संस्थागत प्रसव, पूर्ण टीकाकरण, नसबंदी, पीपीआईयूसीडी निवेशन एवं आईयूडी निवेशन की जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी।