अष्टमी पर बिगड़ गई है पेट की तबीयत, दस्त-उल्टी से बचने के लिए आजमाएं ये नुस्खे

अष्टमी पर बिगड़ गई है पेट की तबीयत, दस्त-उल्टी से बचने के लिए आजमाएं ये नुस्खे
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शारदीय नवरात्रि से भारत में बड़े त्योहारी सीजन की शुरुआत होती है. मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजने के लिए ये पर्व बेहद खास मौका होता है. इसमें विशेष पूजा के अलावा माता रानी के भक्त व्रत भी रखते हैं. आज दुर्गा अष्टमी का दिन है और इस मौके पर घर में कन्याओं को पूजने के लिए बुलाया जाता है. खास मौके पर घरों में लोग पूड़ी, मसाले वाले काले चने और हलवा जैसी टेस्टी चीजें बनाई जाती हैं. भले ही ये खानपान बेहद स्वादिष्ट हो पर इससे पेट के स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है. रिफाइंड तेल और मसालों से तैयार इन चीजों से पेट की तबीयत के खराब होने का डर रहता है. कुछ लोगों को कभी-कभी ऐसी चीजों को खाने से दस्त या उल्टी लग जाते हैं.

एक्सपर्ट भी सलाह देते हैं कि हमें ऐसी चीजों को खाने से बचना चाहिए. दरअसल, इस तरह के खाने को पचाने में मुश्किल रहती है क्योंकि इसमें फैट ज्यादा होता है और ये हमारे पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है. अगर किसी को हलवा और पूड़ी जैसे खानपान की वजह से दस्त की शिकायत हो जाए तो उसे डॉक्टरी इलाज के अलावा रिकवरी के लिए कुछ देसी तरीके भी आजमाने चाहिए. दस्त-उल्टी होने पर आजमाएं ये तरीके…

पेट क्यों होता है खराब

एक्स्ट्रा फैट हमारे पाचन तंत्र पर प्रेशर पैदा करता है. इस वजह से पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है और पेट का स्वास्थ्य बिगड़ जाता है. वैसे इस तरह की खाने की चीजों में हद से ज्यादा कैलोरी होती है. ऐसे में वजन बढ़ने की शिकायत तक हो जाती है. जयपुर की क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट मेधावी गौतम का कहना है कि ऐसी चीजों को खाने से हमें एसिडिटी तक हो जाती है जिससे पेट में जलन या असुविधा परेशान करती है. देर तक अपच या गैस की दिक्कत भी होने लगती है.

दस्त-उल्टी से बचने के लिए आजमाएं ये नुस्खे

नींबू और काला नमक

अगर किसी को त्योहार पर खाना खाने के बाद दस्त या उल्टी लग गए हैं उसे सबसे पहले डॉक्टरी इलाज कराना चाहिए. दवाओं के अलावा देसी तरीके आजमाकर भी तेजी से रिकवर किया जा सकता है. आप घर पर देसी ओआरएस बना सकते हैं. इसके लिए एक गिलास पानी लें और इसमें आधा नींबू का रस, काला नमक और थोड़ी चीनी मिलाएं. ये शरीर में हो रही पानी की कमी को काफी हद तक पूरा कर सकता है. नींबू पानी से हाइड्रेशन बढ़ती है क्योंकि ये बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स को बैलेंस करता है. इसके अलावा इस पानी से पेट को आराम भी मिलता है.

पुदीना है कारगर उपाय

पेट की तबीयत अगर बिगड़ी हो तो पुदीने से बनी चीजों को खाना या पीना चाहिए. ये पेट में गैस को कम करके ऐंठन को कम करने में मदद करता है. इस तरह पाचन में सुधार आता है. आपको बस दो से तीन पुदीने की पत्तियों को चबाना है. आप चाहे तो पुदीने की चाय बनाकर भी पी सकते हैं. पुदीने में एंटीबैक्टीरियल गुण है इसलिए ये इंफेक्शन को कम या दूर करके पेट को आराम देता है. पेट की दवाओं में पुदीने का इस्तेमाल तक होता है.

दही में इसबगोल

दस्त या उल्टी की समस्या होने पर भारत में मूंग दाल और चावल की खिचड़ी को खाने की सलाह दी जाती है. आप इसमें दही को डालकर खा सकते हैं क्योंकि इसमें प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर हमें तेजी से रिकवर करने में मदद करते हैं. आप चाहे तो दही में इसबगोल को खा सकते हैं क्योंकि इसे हमारे पेट और दूसरे अंगों के लिए वरदान तक माना जाता है.

हल्का खाना ही खाएं

दस्त लगने पर पेट काफी कमजोर महसूस करता है इसलिए हमें इस दौरान हल्का खाना चाहिए जो आसानी से पच पाएं. आप इस कंडीशन में चावल, खिचड़ी, उबले आलू या फिर सूप का सेवन कर सकते हैं. वैसे इस तरह के हालात में फलों का सेवन ठीक रहता है. लेकिन ध्यान रहे कि आपको इन चीजों को भी कम या लिमिट में खाना चाहिए क्योंकि इससे मतली या उल्टी की दिक्कत बढ़ सकती है. साथ ही पूरे टाइम ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं. क्योंकि पानी की कमी शरीर को कमजोर बनाती है.

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