जॉब बर्नआउट बनती जा रही है युवाओं के लिए नई समस्या, बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
आज अपना परिवार का भरण पोषण करने के लिए ज्यादातर लोगों को जॉब करनी पड़ती है लेकिन आज नौकरी करना इतना आसान नहीं रहा है. काम के लंबें घंटे, डेडलाइन, काम में कॉम्पीटिशन, ऑफिस पॉलिटिक्स, लॉन्ग ट्रैवल ऐसी कई वजहें हैं जिससे आज नौकरी करने वाला हर शख्स परेशान हैं. यही वजह है कि आज नौकरी करने से युवाओं में तनाव बढ़ता जा रहा है.
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स रूही सतीजा बताती हैं कि आज की जनरेशन कैपेबल तो है लेकिन प्रेशर झेलना नहीं जानती, यही वजह है कि आज ज्यादातर नौकरीपेशा युवा किसी न किसी तरह का तनाव झेल रहे हैं. जॉब बर्नआउट भी उसी तनाव का एक हिस्सा है जो नौकरी की वजह से होता है. नौकरी में किसी भी तरह स्थिति का फैवरेबल ना होना व्यक्ति का तनाव बढ़ा रहा है. यही वजह है कि आजकल ज्यादातर नौकरीपेशा युवा शारीरिक और भावनात्मक तौर पर खुद को हमेशा थका हुआ महसूस करते हैं.
जॉब बर्नआउट क्या है?
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एनवायर्नमेंटल रिसर्च एंड पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक जॉब बर्नआउट का मतलब नौकरी करते समय आने वाली मुश्किलों या परेशानियों से मानसिक और शारीरिक तौर पर बुरा प्रभाव पड़ने से हैं. ये प्रभाव पर्सनली किसी भी वजह से हो सकता है. ऐसे में अपनी नौकरी को लेकर मन में हमेशा नेगेटिव ख्याल आते हैं और ऑफिस में काम में दिल नहीं लगता.
जॉब बर्नआउट के लक्षण
– जॉब बर्नआउट होने की स्थिति में व्यक्ति खुद को हमेशा मेंटली थका हुआ महूसस करता है
– ऐसे में काम करते समय काम पर कॉन्संट्रेट करने में परेशानी आती है.
– जॉब बर्नआउट की स्थिति में अचानक से मूड में बदलाव का अनुभव हो सकता है.
– किसी काम को लेकर लंबे समय तक डिप्रेशन या चिंता बने रहना भी इसका एक उदाहरण है.
जॉब बर्नआउट होने की स्थिति
– एनर्जी महसूस न करना
– नौकरी को लेकर नेगेटिव भावना रखना
– कार्यकुशलता में कमी
– काम पर ध्यान केंद्रित न कर पाना
जॉब बर्नआउट से होने वाली बीमारियां
जॉब बर्नआउट पर ध्यान न दिया जाए तो आगे चलकर कई मानसिक और शारीरिक परेशानियां हो सकती है. स्ट्रेस से होती हुई ये समस्या डिप्रेशन और एंग्जायटी तक पहुंच सकती है, जिसके साथ साथ हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. तनाव की वजह से नींद में कमी सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द का कारण बन सकती है.
जॉब बर्नआउट से बचाव के तरीके
– ऑफिस में प्रतिदिन एक घंटा अपने लिए निकालें, इस समय कुछ ऐसा करें जिससे आपको सबसे ज्यादा खुशी मिलती हो. ऐसा करने से आप रोजाना अपने काम को एक नई शुरूआत दे सकते हैं.
– एक समय में एक काम पर कॉन्संट्रेट करें, एक साथ बहुत सारे काम करने से आप थकान महूसस करेंगे और आपको परेशानी भी आ सकती है.
– न कहने की आदत डालें, जो काम करने में आपको परेशानी आ रही है उसके लिए ऑफिस में किसी की मदद लें और जो काम आप नहीं कर सकते उसे मना करने की आदत डालें.
– काम में प्रयोग करें, ऐसा करने से आप कुछ नया सीखेंगें जिससे आपकी ताकत और रूचि दोनों बढ़ेंगें.
– तनाव को कम करने के लिए आप मेडिटेशन का भी सहारा ले सकते हैं. साथ ही आप अपने सीनियर्स से भी बात कर उनके अनुभव का लाभ उठा सकते हैं.
– तनाव की स्थिति में अपनी एचिवमेंट्स पर नजर दौड़ाएं कि कैसे आपने यही रहते हुए क्या क्या एचीवमेंट्स हासिल किए हैं.