बाएं हाथ से काम करने वालों को दिल और दिमाग की बीमारियों का ज्यादा खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

बाएं हाथ से काम करने वालों को दिल और दिमाग की बीमारियों का ज्यादा खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा
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हमारे दो हाथ है जिसमें एक प्राइमरी हाथ होता है और एक सेकेंडरी. यानी एक हाथ से हम ज्यादा काम और मुख्य काम लेते हैं और दूसरा हाथ स्पोर्ट में रहता है. ज्यादातर आबादी दाएं हाथ का इस्तेमाल ज्यादा करती है और बाएं हाथ का कम. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पूरी दुनिया में केवल 10 फीसदी लोग ही बाएं हाथ का यूज मुख्य कामों जैसे की लिखने, खाना खाने और अन्य कामों के लिए करते हैं. 90 फीसदी लोग दाएं हाथ का यूज करते हैं. हाल ही में दाएं हाथ का यूज करने वाले लोगों पर एक रिसर्च हुई है. इसमें पता चला है कि इन लोगों को कई तरह की बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है.

जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ की स्टडी में सामने आया है कि बाएं हाथ से काम करने वाले लोगों में कुछ हेल्थ इश्यूज का खतरा दूसरे लोगों के मुकाबले ज्यादा बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में पाया है कि कुछ स्थितियों में बाएं हाथ के लोगों में बीमारियों की टेडेंसी ज्यादा देखी जाती है, हालांकि ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ऐसा क्यों होता है. लेकिन इसमें कई फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं. जिसमें पहला है आनुवांशिक कारण यानी की जेनेटिक परेशानी. इसके अलावा ब्रेन कनेक्टिविटी और पर्यावरणीय कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.

ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा

रिसर्च में बताया गया है कि बाएं हाथ से काम करने वाली महिलाओं को दाएं हाथ से काम करने वाली महिलाओं के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क ज्यादा होता है. शोधकर्ताओं का कहना था कि बाएं हाथ से काम करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा प्रेगनेंसी के दौरान एस्ट्रोजन के बढ़ते जोखिम के कारण हो सकता है. दुनियाभर में बाएं हाथ से काम करने वाली महिलाओं में कैंसर के केस भी अधिक देखे गए हैं.

सिजोफ्रेनिया

इस स्टडी में साफ हो चुका है कि बाएं हाथ के लोगों में सिजोफ्रेनिया ( गंभीर मानसिक बीमारी) होने की संभावना ज्यादा रहती है. इसे लेकर 2019, 2022 और 2024 में भी कई शोध हो चुके हैं. इसमें पाया गया है कि सिजोफ्रेनिया की बीमारी दोनों हाथ वाले लोगों और बाएं हाथ वाले लोगों में ज्यादा हो सकती है.

मेंटल हेल्थ

इसके साथ ही बाएं हाथ के लोगों में कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी पाया गया है. जिसमें मूड में बदलाव, चिंता, घबराहट, चिड़चिड़ापन, बेचैनी, पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर दाहिने हाथ वालों की तुलना में अधिक पाया जाता है. ऐसे लोगों में एंग्जाइटी की समस्या भी देखी जाती है.

बाएं हाथ के लोग और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर

ऐसे ही कई अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों का संबंध बाएं हाथ से काम करने वालों में ज्यादा पाया गया है. जिसमें अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्ड, ऑटिज्म, डिस्प्रेक्सिया शामिल है. इन रिसर्च में इस बात के वास्तविक प्रमाण पाएं गए है कि डिस्लेक्सिया वाले बच्चों में बाएं हाथ वाले बच्चे ज्यादा पाए गए हैं.

बाएं हाथ के लोग और हार्ट डिजीज

18 से 50 वर्ष की आयु के 379 वयस्कों पर किए गए शोध के नतीजे बताते हैं कि बाएं हाथ के लोगों में हार्ट डिजीज का खतरा अधिक हो सकता है. साथ ही एक रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि जो लोग बाएं हाथ से काम करते हैं उनकी मृत्यु दाएं हाथ से काम करने वाले लोगों की तुलना में औसतन 9 साल पहले हो जाती है. हालांकि शोधकर्ताओं को इन बीमारियों और बाएं हाथ के बीच कोई सीधा सीधा संबंध नहीं मिला है. लेकिन यह रिसर्च हैरान करने वाली है.

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