क्या होता है डायबिटीक कोमा, कैसे डायबिटीज की बीमारी आपको पहुंचा सकती है कोमा में

क्या होता है डायबिटीक कोमा, कैसे डायबिटीज की बीमारी आपको पहुंचा सकती है कोमा में
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डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिजीज है जो हमारे गलत खान-पान की आदत और खराब जीवनशैली की वजह से होती है, यही वजह है कि आज ज्यादा से ज्यादा लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं. हिंदुस्तान में तो इसके सबसे ज्यादा मरीज पाए जाते हैं यही कारण है कि हिंदुस्तान को डायबिटीज कैपिटल कहा जाता है. माना जाता है कि अगर किसी को एक बार डायबिटीज की शिकायत हो गई तो इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता बस इसे कंट्रोल किया जा सकता है.

डायबिटीज दो तरह की होती है टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज. टाइप-1 डायबिटीज उसे कहते हैं जिसमें बचपन से ही आपका शरीर इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता इसलिए ये परेशानी बचपन से ही शुरू हो जाती है. वही टाइप-2 डायबिटीज समय के साथ अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण होती है. पहले जहां हिंदुस्तान में टाइप-2 डायबिटीज के ज्यादा मरीज थे वही अब टाइप-1 डायबिटीज का खतरा तेजी से उभर रहा है. इस स्थिति में मरीज को पूरी जिंदगी दवाईयों और इलाज पर रहना होता है.

टाइप-1 डायबिटीज एक गंभीर समस्या

पिछले कुछ समय से टाइप-1 डायबिटीज एक गंभीर समस्या बनकर उभर रही है. जो आज के समय में लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है. यही कारण है कि लंबे समय तक इसके इलाज से व्यक्ति को आगे चलकर कोमा और यहां तक कि मृत्यु का खतरा भी रहता है. अनुमान के मुताबिकि आज देश में 70 फीसदी लोग ब्लड शुगर की बीमारी से पीड़ित है.

ब्लड शुगर अनियंत्रित होना बेहद खतरनाक

चूंकि टाइप-1 डायबिटीज एक आजीवन स्थिति है जिसमें व्यक्ति को ताउम्र अपना ब्लड शुगर बाहरी तौर से कंट्रोल करना पड़ता है. इतने लंबे समय तक इस बीमारी से लड़ने के कारण शरीर की नसों, आंखों और अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ना शुरू हो जाता है. अनियंत्रित ब्लड शुगर से शरीर पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं उनमें से एक है डायबिटिक कीटोएसिडोसिस जो कि एक गंभीर स्थिति है जिसमें हाई ब्लड शुगर के कारण तेजी से सांस लेने की परेशानी हो सकती है.

कोमा में जा सकता है मरीज

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शरीर में अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण हाइपरग्लेसेमिया जिसमें ब्लड शुगर ज्यादा हो जाती है और हाइपोग्लाइसीमिया जिसमें ब्लड शुगर का लेवल बेहद कम चला जाता है दोनों ही बेहद खतरनाक हैं. इन दोनों ही स्थितियों में व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है जिसे डायबिटीक कोमा कहते हैं.

ब्लड शुगर को कैसे करें कंट्रोल

– ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों, साबुत अनाजों का सेवन करें. बाहर के जंक फूड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का सेवन न करें.

– मीठा खाने से परहेज करें.

– रोजाना आधे घंटे की वॉक या एक्सरसाइज जरूर करें.

– वजन को नियंत्रित रखें.

– धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें.

– पर्याप्त नींद लें, रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें.

– स्ट्रेस को मैनेज करें, योगा और मेडिटेशन करें.

– फिजिकली एक्टिव रहें.

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