भगवान धन्वन्तरि का प्राकट्य दिवस

*श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी*

*भगवान धन्वन्तरि का प्राकट्य दिवस*

*श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी एवं विश्व आयुर्वेद दिवस*

*आरोग्य के देवता की आराधना*

भारतीय सनातन धर्म संस्कृति के अनुसार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन आरोग्य के देवता भगवान धन्वन्तरि जी समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए देश और समाज मे आरोग्य के देवता का प्राकट्य दिवस सम्पूर्ण विश्व के आरोग्य मनाया जाता है।

इस बार कार्तिक मास कृष्ण पक्ष धन्वन्तरि त्रयोदशी विक्रम संवत 2081 तदनुसार दिनांक 29 अक्तूबर 2024 को मनाई जायेगी इस अवसर पर भगवान धन्वन्तरि का पूजन अर्चन कर सम्पूर्ण विश्व के आरोग्य की कामना की जाती है

*पहला सुख निरोगी काया*

मनुष्य जीवन मे सबसे प्रथम सुख शरीर- मन का स्वस्थ होना ही माना गया है।

हम लोग घर परिवार मे नित्य प्रति माताओ एवं परिजनो को ओम जय जगदीश हरे की आरती करते हुए सुनते ही है।

*आरोग्य है प्रथम*

*ईश आराधना मे भी प्रथम है तन मन का आरोग्य तत्पश्चात है धन वैभव की कामना*

*ओम जय जगदीश हरे,प्रभु! जय जगदीश हरे।*

*भक्त जनो के संकट क्षण मे दूर करे।*

*जो ध्यावै फल पावै,दुख विन से मन का।*

*सुख- सम्पत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तनका।।*

*ओम जय जगदीश हरे,प्रभु!जय जगदीश हरे।*

पिछले लम्बे समय से लोग व्यवहार मे बोलचाल मे एवं पत्र पत्रिकाओ मे *धन्वन्तरि त्रयोदशी* को धन तेरस कहा जाने लगा जिसके परीणाम स्वरूप धन्वन्तरि त्रयोदशी दिवस आरोग्य दिवस न रहकर केवल क्रय-विक्रय दिवस के रूप मे अधिक प्रचारित प्रसारित होने लगा।

व्यापार व्यवसाय की दृष्टि से क्रय-विक्रय भी होना चाहिए परन्तु धन्वन्तरि त्रयोदशी के दिन आरोग्य कर बस्तुओ का क्रय-विक्रय होना चाहिए।

श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी के दिन आरोग्य के देवता की आराधना एवं ईश्वर द्वारा प्रदत्त शरीर मन रूपी पात्र के आरोग्य के प्रति अधिक चिन्तन मनन करना चाहिए।

हम सभी सुधिजनो को श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी के दिवस पर भेजे जाने वाले सूचना संदेश मे श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी एवं विश्व आयुर्वेद दिवस लिखना चाहिए जिसके परीणाम स्वरूप जनता-जनार्दन भी श्री भगवान धन्वन्तरि जी के प्राकट्य दिवस के महत्त्व को ठीक प्रकार से समझ सके।

यदि विद्वत जन भी धन तेरस इस प्रकार से लिखने पढने लगेंगे तो फिर देश और समाज को श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी एवं विश्व आयुर्वेद दिवस के महत्त्व को कोन समझाएंगे।

अतः आप सभी विद्वत जनो से विनम्र अनुरोध है कि इस आरोग्य कर उत्सव को श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी एवं विश्व आरोग्य दिवस के रूप अधिक से अधिक प्रचारित प्रसारित करने का संकल्प करे।

*श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी के अवसर पर आयुर्वेद विभाग के विभिन्न सेवा प्रकल्प*

आयुर्वेद चिकित्सा शिविरो का आयोजन करना।

पर्यावरण रक्षा के लिए जन जागरण पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधारोपण एवं प्लास्टिक पॉलिथिन उन्मूलन के लिए सकारात्मक प्रयास जन जागरण।

भारतीय गौ वंश संरक्षण संवर्धन- पंचगव्य एवं पंचामृत के महत्त्व पर चर्चा वार्ताओ का आयोजन करना।

समाज की पिछड़ी बस्ती मे स्वास्थ्य शिविरो का आयोजन, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य रक्षा के विषय मे चर्चा वार्ता, आदर्श दिनचर्या एवं आदर्श ऋतुचर्या का हमारे जीवन मे महत्त्व।

जलदाय विभाग (जल जीवन मिशन) के जल वितरण प्रणाली के पाईप लाईन के नष्ट-भ्रष्ट एवं लीकेज के कारण होने वाले रोगो की जन सामान्य को जानकारी एवं स्वास्थ्य रक्षा के लिए जनता-जनार्दन एवं स्थानीय शासन प्रशासन के सहयोग से जल वितरण प्रणाली मे लीकेज होतो स्थाई समाधान के लिए उचित योजना एवं समाधान के लिए प्रयास,हम जानते है कि अशुद्ध अपवित्र जल अनेक रोगो के विस्तार- विकास का कारण होता है।

गांव-बस्ती मे कचरा निस्तारण एवं नालीयो की नियमित स्वच्छता के लिए जन जागरण।

विद्यालय/ महाविद्यालय से आरोग्य चर्चा एवं स्वास्थ्य परीक्षण

आयुर्वेद विभागीय एवं आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान के माध्यम से पीड़ित मानवता की सेवा करने वाले योग्य धन्वन्तरि पुत्रो का मान सम्मान अभिनन्दन आभार प्रकट करना।

*धन्वन्तरि त्रयोदशी के अवसर पर आरोग्य कर धातुओ के आभूषण एवं पात्र बर्तन क्रय करने की परम्परा रही है।*

धन्वन्तरि त्रयोदशी के दिन मनुष्यो के लिए उपयोगी आरोग्य को बढाने वाले धातुओ से निर्मित आभूषण एवं पात्र (बर्तन) क्रय करने की भी परम्परा आदिकाल से चली आ रही है जैसे रजत (चांदी), स्वर्ण (सोना), काशी, ताम्बां, पीतल इत्यादि आरोग्य कर धातु प्रमुख रहे है।

विश्व पटल पर योग विज्ञान एवं आयुर्वेद विज्ञान को उचित मान सम्मान दिलाने एवं21 जून को विश्व योग दिवस घोषित करवाने के लिए एवं श्री धन्वन्तरि प्राकट्य दिवस के अवसर पर आयुर्वेद दिवस घोषित करने के लिए भारत वर्ष के माननीय प्रधान मंत्री महोदय श्रीमान नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का हार्दिक आभार हार्दिक अभिनन्दन।

राजस्थान सरकार से विनम्र आग्रह है कि श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी एवं विश्व आयुर्वेद दिवस के पावन अवसर पर आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान एवं भारतीय मूल की प्रचलित समस्त चिकित्सा पद्धतियो के युगानुकूल विकास विस्तार समुत्कर्ष संरक्षण संवर्धन प्रचार-प्रसार के लिए नये सिरे से योजना तैयार कर धरातल पर विकसित करने का दृढ़संकल्प करे।

भूमि आवंटन, भवन निर्माण युगानुकूल (अपडेट), यथावश्यक स्टाफ कार्मिक एवं निशुल्क औषध वितरण योजना की शुरुआत कर नई पहल करे।

राजस्थान प्रदेश मे एलोपैथिक चिकित्सा के चिकित्सा शिक्षा संस्थानो के अनुरूप ही आयुर्वेद विभागीय चिकित्सा एवं शिक्षा संस्थानो के लिए भूमि आवंटन, भवन निर्माण के लिए उचित मान दण्ड सुनिश्चित करवाये।

श्री धन्वन्तरि त्रयोदशी एवं विश्व आरोग्य दिवस की हार्दिक शुभकामनाये।

आरोग्य के देवता भगवान धन्वन्तरि जी की कृपा से आप सपरिवार स्वस्थ एवं प्रसन्न रहते हुए शतायु जीवन पर्यन्त सुख वैभव से परिपूर्ण रहे।

साभार🌹🙏🚩

वैद्य (डाॅ.)चन्द्रकान्त गौतम चिराणा

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी

[पूर्व उप निदेशक आयुर्वेद विभाग राजस्थान

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