क्या शरीर की तरह लंग्स भी हो सकते हैं डिटॉक्स? बढ़ते प्रदूषण में ये क्यों है जरूरी

क्या शरीर की तरह लंग्स भी हो सकते हैं डिटॉक्स? बढ़ते प्रदूषण में ये क्यों है जरूरी
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बढ़ते प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है. प्रदूषण या धुंए के लगातार संपर्क में रहने से फेफड़ों में जहरीला धुंआ घुसकर बेहद नुकसान पहुंचाता है, जिससे हमारे लंग्स बीमार पड़ जाते हैं यही वजह के इस समय ज्यादातर लोग चेस्ट कंजेशन, खांसी, छाती में घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ और अस्थमा जैसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में लंग्स को स्वस्थ रखना भी शरीर के बाकी अंगों की तरह जरूरी है, क्योंकि लंग्स खराब होने से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. लेकिन इनसे बचाव भी हो सकता है. शरीर की तरह लंग्स को भी डिटॉक्स किया जा सकता है. इससे लंग्स को काफी फायदा मिलता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वायु प्रदूषण की वजह से हर साल दुनिया भर में 4.2 मिलियन मौतें होती हैं. इनमें एक बड़ा कारण प्रदूषण है. जिससे फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है और जो कई जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है. चूंकि इस समय देश के कई इलाकों में एक्यूआई बढ़ा हुआ है तो इसलिए इस समय सबसे ज्यादा जरूरी है अपने लंग्स को डिटॉक्स करना यानी लंग्स में से सभी तरह की जमी गंदगी को साफ करना. आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं कि लंग्स को डिटॉक्स कैसे करते हैं.

स्टीम लेने से मिलेगा फायदा

दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में पल्मोनोलॉजी विभाग में डॉ भगवान मंत्री बताते हैं कि इस समय लंग्स में जमी गंदगी को निकालने के लिए स्टीम थेरेपी या स्टीम इनहेलेशन भी बेहद कारगर है इसके इस्तेमाल से वायुमार्ग को खोलने और छाती में जमी बलगम को ढीला करने में मदद मिलती है जिससे जमी बलगम धीरे-धीरे बाहर निकलना शुरू हो जाती है. स्टीम लेना उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिन्हें गले में खराश या सूखेपन की शिकायत है.

एक्सरसाइज है जरूरी

इस समय शरीर में और खासतौर से लंग्स में जमी गंदगी को साफ करने के लिए एक्सरसाइज काफी जरूरी है. इससे कई फायदे मिलते हैं. इससे हमारी शारीरिक और मानसिक हेल्थ दोनों बेहतर होती हैं. एक्सरसाइज करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं जिससे शरीर की सांस लेने की दर बढ़ जात है जिससे मांसपेशियों को ऑक्सीजन की अधिक जरूरत पड़ती है और जिससे लंग्स की सेहत में सुधार होता है, कोशिश करें कि एक्सरसाइज घर पर ही करें और बाहर जानें से बचें.

ग्रीन टी भी है लाभकारी

इस समय लंग्स को डिटॉक्स करने के लिए ग्रीन टी भी बेहद फायदेमंद है इसमें कई एंटीऑक्सीडेंस्ट होते हैं जो लंग्स की सूजन को कम करने में मदद करते हैं. ग्रीन टी धुंए के हानिकारक प्रभावों से भी बचाती है. ग्रीन टी के अलावा हल्दी, पत्तेदार साग, चेरी, ब्लूबेरी, जैतून, अखरोट, फलियां, दालें भी इसमें काफी लाभकारी हैं.

सिगरेट स्मोकिंग से खुद को बचाएं

हालांकि लंग्स खुद को साफ और फिल्टर करने का काम स्वयं करते हैं लेकिन कुछ तरीकों से आप अपने लंग्स में से जमी गंदगी को साफ कर सकते हैं. इसमें सबसे जरूरी है सिगरेट स्मोकिंग से खुद को रोकना. हमारे शरीर में पहले से ही काफी जहरीला धुंआ जा चुका है ऐसे में अगर हम सिगरेट स्मोक करके और धुंआ इसमें डालेंगे तो हालत और ज्यादा बिगड़ेगी इसलिए जरूरी है कि इस समय सिगरेट स्मोकिंग करने से बचें. सिगरेट छोड़ने से 2 से 3 सप्ताह के भीतर ही आपके लंग्स में रिकवरी होनी शुरू हो जाएगी.

लंग्स डिटॉक्स के फायदे

लंग्स को डिटॉक्स करने से लंग्स में जमी गंदगी, बलगम बाहर निकल जाती है और लंग्स पहले से बेहतर तरीके के काम करना शुरू कर देते हैं, लंग्स को डिटॉक्स करने से

– फेफड़ों में जमी बलगम और जलन पैदा करने वाले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं.

– वायुमार्ग खुल जाता है

– लंग्स की कार्य क्षमता में सुधार होता है.

– लंग्स में सूजन कम होती है.

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