मानसिक तनाव और स्ट्रेस एक ही बीमारी है या अलग-अलग? एक्सपर्ट से जानें
आप नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जा रहे हैं. इसी बीच जिस गाड़ी से जा रहे हैं वह रास्ते में खराब हो जाती है. गाड़ी अब स्टार्ट नहीं हो रही और आपको देर हो रही है. आप गाड़ी ठीक करने की कोशिश करते हैं और इसमें करीब आधा घंटा लग जाता है. अब गाड़ी चालू हो गई और आप आगे के रास्ते पर चल भी दिए, लेकिन इस बीच मन में टेंशन हो रही है कि कहीं इंटरव्यू के लिए लेट हो गए तो क्या होगा? कुछ मुश्किल तो नहीं होगी. रिजेक्ट तो नहीं किया जाऊंगा. इस तरह के ख्याल दिमाग में आने के दौरान आप ऑफिस पहुंच गए, लेकिन देरी से कोई दिक्कत नहीं हुई और इंटरव्यू भी ठीक हो गया और आप घर आ गए. घर आकर अब न ही कोई टेंशन है और न ही कोई डर.
गाड़ी ठीक होने से लेकर आपके इंटरव्यू देने तक आपके मन में जो टेंशन थी की कहीं देर तो नहीं हो जाएगी ये आपका स्ट्रेस था, जो कुछ घंटों के लिए था और फिर चला गया. स्ट्रेस इस धरती पर मौजूद हर व्यक्ति को होता ही है. किसी को काम का स्ट्रेस, किसी को नौकरी का, परिवार का या फिर अपने भविष्य है. स्ट्रेस एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जो कुछ समय के लिए रहती है और फिर चली जाती है, लेकिन जब ये स्ट्रेस महीनों तक रहता है और हर किसी चीज में आपको स्ट्रेस होने लगे तो ये मानसिक तनाव बन जाता है. जो शरीर के लिए खतरनाक होता है. आमतौर पर स्ट्रेस और मानसिक तनाव को एक ही मेडिकल कंडीशन माना जाता है, लेकिन इनमें काफी अंतर है. स्ट्रेस और मानसिक तनाव में क्या अंतर है और आप इनकी पहचान कैसे करें. इस बारे में डिटेल में जानते हैं.
स्ट्रेस और मानसिक तनाव में क्या अंतर है?
अमेरिकन सायकोलॉजिकल एसोसिएशन के मुताबिक, स्ट्रेस और तनाव दोनों ही मेंटल हेल्थ कंडीशन हैं. जो व्यक्ति को प्रभावित कर सकती हैं. लेकिन इनमें कुछ अंतर है. स्ट्रेस की बात करें तो यह हमारे शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया है जो किसी चुनौती, दबाव या फिर कुछ समय की चिंता की वजह से होता है. स्ट्रेस व्यक्ति को थोड़े समय के लिए प्रभावित कर सकता है, स्ट्रेस कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक का होता है और फिर खत्म हो जाता है.
लेकिन मानसिक तनाव एक गहरी और लंबे समय तक चलने वाली अवस्था है जो व्यक्ति की मेंटल हेल्थ को ख़राब कर सकती हैं. मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति को शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं. तनाव महीनों तक रह सकता है. तनाव डिप्रेशन जैसी मानसिक बीमारी का भी कारण बन सकता है, लेकिन स्ट्रेस कम समय के लिए रहता है. स्ट्रेस किसी बीमारी का कारण नहीं बनता है.
स्ट्रेस
स्ट्रेस कब हो जाता है खतरनाक?
दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहैवियर एंड अलाइड साइंसेस ( इहबास) में मनोरोग विभाग में प्रोफेसर डॉ. ओम प्रकाश बताते हैं कि स्ट्रेस तो हर किसी को है. यह शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है, जो किसी काम के दबाव, किसी चीज की चुनौती या फिर जीवन में अपने किसी भी काम के दौरान हो सकता है. स्ट्रेस का शरीर पर कोई गंभीर असर नहीं होता है, लेकिन अगर किसी चीज का स्ट्रेस हर दिन हो रहा है और महीनों तक है तो ये मानसिक तनाव का कारण बनता है.
मानसिक तनाव पूरे शरीर की सेहत को बिगाड़ सकता है. इसका असर हार्मोन के फंक्शन से लेकर हार्ट और ब्रेन जैसे अंगों तक पड़ सकता है. मानसिक तनाव से एंग्ज़ाएटी और डिप्रेशन भी हो जाता है. डिप्रेशन के कई मामलों की शुरुआत एंग्जाइटी और मानसिक तनाव से ही होती है.
डॉ ओम प्रकाश बताते हैं कि मानसिक तनाव डायबिटीज, हार्ट डिजीज और ब्रेन हेल्थ के बिगड़ने का भी कारण बनता है. मानसिक तनाव एक मेडिकल कंडीशन है जिसके इलाज के लिए डॉक्टर की जरूरत है. हालांकि लोग इसकी बीमारी नहीं मानते हैं. मानसिक तनाव को लेकरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस की एक स्टडी भी है, जो बताती है कि देश 15 करोड़ लोगों को किसी न किसी मानसिक समस्या की वजह से डॉक्टरी मदद की ज़रूरत है. लेकिन इनमें अधिकतर लोग मदद नहीं लेते हैं. या फिर इलाज कराने से डरते हैं.
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव कब बीमार करने लगता है?
गाजियाबाद के जिला अस्पताल में मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. ए. के कुमार बताते हैं कि मानसिक तनाव और स्ट्रेस दोनों एक ही सिक्के को दो पहलू हैं. कुछ लोगों को स्ट्रेस से ही मानसिक तनाव होता है. जब स्ट्रेस लंबे समय तक बना रहता है, स्ट्रेस हर काम में होने लगता है और इससे आपके किसी काम को करने की क्षमता कम हो जाती है या फिर काम में मन नहीं लगता है तो इससे मानसिक तनाव हो जाता है. ऐसा बैड स्ट्रेस की वजह से ही होता है
डॉ कुमार कहते हैं कि अगर आप लगातार स्ट्रेस में रहते हैं तो ये आपको मानसिक तनाव देता है. मानसिक तनाव शरीर में इम्यूनिटी को बिगाड़ देता है. इससे आप बार-बार बीमार पड़ सकते हैं. लो इम्यूनिटी से व्यक्ति डायबिटीज और हार्ट डिजीज का भी मरीज बन जाता है. मेडिकल साइंस में यह माना भी जाता है की मानसिक तनाव मेंटल हेल्थ को खराब करता है और बिगड़ी हुई मेंटल हेल्थ हार्मोन के फंक्शन के खराब होने से लेकर कई खतरनाक बीमारियों का कारण बनता है.
कई लोगों को तनाव की वजह से साइकोसोमेटिक डिस्ऑर्डर का सामना करना पड़ता है. इसमें आपके खराब मेंटल हेल्थ का असर शरीर पर पड़ने लगता है तो इससे एसिडिटी या गैसट्राइटिस की समस्या भी होने लगती है. इसको ब्रेन एंड गट हेल्थ रिलेशन कहते हैं.
मेंटल हेल्थ का बिगड़ना
स्ट्रेस को मानसिक तनाव बनने से कैसे रोकें?
सुबह टहलना शुरू
एक्सरसाइज़ शुरू करें.
अपने दोस्तों या परिवार से अपने मन की बातें साझा करें
शराब, सिगरेट और कैफ़ीन की लत लगाने से बचे