डायबिटीज का डंक, कैसे एक-एक अंग को बेकार कर देता है, जानें

डायबिटीज का डंक, कैसे एक-एक अंग को बेकार कर देता है, जानें
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एक जमाना था जब लोग डायबिटीज के बारे में जानते तक नहीं थे, लेकिन अब गांव से लेकर शहर तक लोग इस बीमारी को लेकर डरे रहते हैं. डर ये है की कहीं हमें भी ये बीमारी न हो जाए. इस डर से कुछ मीठा खाना भी छोड़ देते हैं. वैसे मीठे का सीधा संबंध डायबिटीज से नहीं है, लेकिन जिनको ये बीमारी है उनको मीठा लिमिट में खाना चाहिए और शुगर कंट्रोल रखनी चाहिए. क्योंकि अगर डायबिटीज कंट्रोल में नहीं है और शुगर लेवल बढ़ा रहता है, तो ये कई अंगों को खराब कर सकता है. शुगर की ये बीमारी आंखों के अंधेपन से लेकर किडनी खराब होने तक का कारण बन सकती है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल 10 लाख से अधिक मौतें केवल डायबिटीज के कारण हो रही हैं. चिंता की बात यह है की ये बीमारी किसी को भी हो सकती है. भारत में भी इसके 10 करोड़ से अधिक मरीज हैं और बीते पांच साल में मरीजों का आंकड़ा 48 फीसदी तक बढ़ गया है. लेकिन फिर भी एक बड़ी आबादी में आज भी इस डिजीज को लेकर जानकारी नहीं है. इस अभाव के कारण लोग डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं और अब 30 से 40 साल की उम्र में भी ये हो रही है.

डायबिटीज केवल एक बीमारी नहीं है, बल्कि ये पूरे शरीर के लिए खतरा है. ये शरीर के कई अंगों को खराब कर सकती है. यह कैसे अंगों को खराब करती है और किन लोगों को इसका ज्यादा खतरा है. इस बीमारी के शुरुआती लक्षण और बचाव को लेकर भी डिटेल में जानेंगे.

क्या होती है डायबिटीज

दिल्ली के लेडी हार्डिंग हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ. एलएच घोटेकर बताते हैं कि हर व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन नाम का हार्मोन होता है. जब इसमें इंसुलिन जरूरत के मुताबिक नहीं बन पाता है तो शरीर की सेल्स खून में मौजूद शुगर के लेवल को कंट्रोल नहीं कर पाती है. इससे शुगर लेवल बढ़ जाता है. अगर लंबे समय तक शुगर का स्तर बढ़ा रहता है तो ये डायबिटीज की बीमारी है. यह दो तरह की होती है. एक टाइप -1 और दूसरी टाइप-2, इनमें टाइप-1 डायबिटीज जन्म के साथ भी हो सकती है. ये जेनेटिक कारणों से होती है और इसमें इंसुलिन बनना बंद हो जाता है. इस वजह से इंसुलिन के इंजेक्शन लेने पड़ते हैं.

टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में बड़ा अंतर यह है कि टाइप-1 बच्चों को भी हो जाती है. लेकिन टाइप-2 मोटापे से पीड़ित लोग और जिनका लाइफस्टाइल ठीक नहीं है उनको ज्यादा होती है. दुनियाभर में टाइप- 1 डायबिटीज से ज्यादा मामले टाइप-2 के हैं. दुनिया के 2 फीसदी आबादी को टाइप-1 और सात फीसदी आबादी को टाइप-2 डायबिटीज है. इसका कारण यह ही कि लोग खानपान पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और सोशल मीडिया के दौर में लाइफस्टाइल भी खराब हो रहा है. इससे मोटापा बढ़ रहा है जो इस डिजीज का एक बड़ा कारण है. इस वजह से ही केस हर साल बढ़ रहे हैं.

डायबिटीज किन अंगों को खराब कर सकती है?

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक,डायबिटीज से पीड़ित लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा सामान्य लोगों की तुलना में दोगुना होता है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित लोगों में किडनी फेल होने का खतरा 20 गुना अधिक होता है. ये बीमारी हार्ट, किडनी, आंखें, नसें, पैर , स्किन, हड्डियां और यहां तक की ब्रेन पर भी असर करती है.

डायबिटीज से पीड़ित लोगों में हाई बीपी का रिस्क रहता है. ब्लड प्रेशर का बढ़ना हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण बनता है. डायबिटीज के मरीजों में किडनी के खून को फिल्टर करने की क्षमता कम हो जाती है. इससे किडनी फेल होने का रिस्क होता है. डायबिटीज के मरीजों में आंखों के रेटिना को नुकसान होता है. इस बीमारी को डायबिटिक रेटिनोपैथी कहते हैं.

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, डायबिटीज के 20 फीसदी मरीजों को रेटिनोपैथी का खतरा रहता है. ये बीमारी आंखों के अंधेपन का भी कारण बन सकती है. डायबिटीज की बीमारी अम्पयूटेशन भी कर सकती है. इससे पैरों में घाव हो जाते हैं और ये संक्रमण पूरे शरीर में फैल सकता है.

मेडिकल जर्नल द लैंसेट के मुताबिक, दुनियाभर में अंधेपन, किडनी फेल और हार्ट अटैक आने की एक बड़ी वजह डायबिटीज ही है. इस बीमारी के कई मरीजों में स्किन की बीमारियां जैसे एक्जिमा, सोरायसिस का भी रिस्क रहता है.

द लैंसेट जर्नल की रिसर्च बताती है की डायबिटीज के मरीजों में सामान्य लोगों की तुलना में अल्जाइमर यानी यादादश्त कमजोर होने वाली बीमारी का खतरा ज्यादा होता है.

सोचिए, ये एक बीमारी कैसे शरीर के लगभग हर अंग को नुकसान कर रही है, लेकिन क्या डायबिटीज के हर मरीज के अंग खराब हो सकते हैं? इस बारे में राजीव गांधी हॉस्पिटल में प्रोफेसर डॉ. अजीत जैन ने बताया है.

डॉ जैन बताते हैं की जिन लोगों को दस सालों से अधिक समय से डायबिटीज की बीमारी है और जिनक शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं रहता है उनको इस बीमारी के कारण अंगों के खराब होने का रिस्क होता है. हर व्यक्ति में ऐसा खतरा नहीं है.

अब बड़ा सवाल यह है कि डायबिटीज को होने से क्या रोका जा सकता है और जिनको ये बीमारी है वह इसको कंट्रोल कैसे करें?

डॉ. जैन बताते हैं कि टाइप-1 डायबिटीज को तो होने से नहीं रोका जा सकता, क्योंकि ये जेनेटिक है. लेकिन टाइप-2 डायबिटीज से बचाव हो सकता है. इसके लिए , प्रोसेस्ड फूड , सफेद ब्रेड खाना बंद करें, अपनी डाइट में सब्जियां, फल शामिल करें. एक्सरसाइज से भी ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है. रोज 15 मिनट की एक्सरसाइज भी डायबिटीज के खतरे को कम कर सकती है.

जिनको डायबिटीज है वो क्या करें?

समय पर अपनी दवाएं लें और हर हफ्ते शुगर लेवल चेक करें. मीठा खाने से परहेज करें और रोज कम से कम 2 किलोमीटर वॉक करें. बाहर का भोजन करने से बचें और मानसिक तनाव न लें.

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