अस्थमा का क्यों नहीं है कोई इलाज, कैसे शुरुआत में करें इस बीमारी की पहचान

अस्थमा का क्यों नहीं है कोई इलाज, कैसे शुरुआत में करें इस बीमारी की पहचान
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दुनिया में अस्थमा के 262 मिलियन मरीज है. दशकों पुरानी इस बीमारी के मरीज अमेरिका से लेकर भारत और दक्षिण अफ्रीका में हैं, लेकिन आजतक इसका कोई इलाज नहीं है. जैसे डायबिटीज की बीमारी होने के बाद कभी कभी खत्म नहीं हो सकती, इसी तरह अस्थमा को भी सिर्फ कंट्रोल किया जाता है. अगर एक बार किसी को फेफड़ों की ये बीमारी हो गई तो ताउम्र वह इसका मरीज रहता है. बढ़ती उम्र के साथ ये बीमारी खतरनाक होती जाती है. गंभीर मामलों में ये मौत का कारण भी बन सकती है. ऐसे में आपको अस्थमा के बारे में जानना जरूरी है.


अस्थमा की बीमारी खत्म क्यों नहीं हो पाती ?

दिल्ली के जीटीबी हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डॉ अजीत कुमार बताते हैं कि अस्थमा ये ऐसी बीमारी है जो बच्चों में ज्यादा देखी जाती है, लेकिन बुजुर्गों में भी ये बीमारी हो जाती है. अगर एक बार कोई इसका मरीज बन जाए तो जीवनभर ये बीमारी खत्म नहीं होती है. अस्थमा को जड़ से खत्म क्यों नहीं किया सकता? इस सवाल के जवाब में डॉ अजीत बताते हैं किअ स्थमा एक गंभीर बीमारी है जिसमें कई प्रकार के सेल्स, प्रोटीन, और हार्मोन शामिल होते हैं. अस्थमा बीमारी तो एक है, लेकिन इसके कई प्रकार होते हैं, जैसे कि एलर्जिक अस्थमा, नॉन-एलर्जिक अस्थमा सभी के लिए अलग – अलग ट्रीटमेंट की जरूरत होती है. एलर्जी के कारण होने वाली इस बीमारी के लिए कोई एक ऐसी दवा भी नहीं बनी है जो इसको पूरी तरह से खत्म कर पाए.

इलाज नहीं, कंट्रोल करना आसान

डॉ अजीत बताते हैं कि भले ही अस्थमा को कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसको आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए इनहेलर्स कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स और इम्यूनोथेरेपी जैसी दवाएं हैं, इनहेलर्स सांस की नली में हुई सूजन को कम करते हैं और अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल में करते हैं. इम्यूनोथेरेपी की मदद से इम्यूनिटी को अच्छा किया जाता है. जिससे मरीज इस बीमारी से लड़ सके,लेकिन इनकी भी एक सीमा है. अगर अस्थमा की बीमारी शुरुआत में पहचान में आ जाए तो अच्छा है. लेकिन अगर लक्षण बिगड़ जाए तो इस बीमारी को काबू करना काफी मुश्किल हो सकता है.

अस्थमा की शुरुआत में कैसे करें पहचान

पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ भगवान मंत्री बताते हैं कि अस्थमा की शुरुआत में पहचान के लिए यह जरूरी है कि आपको इसके लक्षणों की जानकारी होना चाहिए. अगर आपको ज्यादा खांसी आती है. लगातार ये समस्या रहती है. खांसी के साथ हीसांस लेने में कठिनाई होती है. खांसी और घरघराहट हो रही है या फिर सीने में जकड़न महसूस हो रही है तो ये अस्थमा के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. अगर आपको इनमें कोई लक्षण महसूस होता है तो तुंरत डॉक्टरों से सलाह लें.

डॉक्टट फेफड़ों की जांच करके अस्थमा के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं. इसके अलावा डॉक्टर रक्त की जांच करके अस्थमा के लक्षणों की पहचान कर सकते हैं. अगर टेस्ट में अस्थमा मिलता है तो सही समय पर इलाज कराने से इस बीमारी को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है.

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