बोतलबंद पानी कैसे पहुंचा रहा सेहत को नुकसान, एक्सपर्ट ने बताया
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर (बोतलबंद पानी) को हाई रिस्क हाई रिस्क फूड कैटेगरी में शामिल किया है. एफएसएसएआई ने नए नियम जारी किए हैं. इसके मुताबिक, अब सभी बोतलबंद पानी बचने वाली कंपनियों की साल में एक बार जांच होगी. पानी की क्वालिटी चेक के लिए यह काम किया जाएगा.
अब सवाल यह है कि एफएसएसएआई ने बोतलबंद पानी को हाई रिस्क कैटेगरी में शामिल क्यों किया है. इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं.
डॉ. एम वली कहते हैं कि बहुत देर के बाद यह कदम उठाया गया है. बहुत समय से लोग प्लास्टिक की पानी की बोतल से पानी पी रहे हैं, जिससे माइक्रो प्लास्टिक शरीर के अंदर जा रहा है. माइक्रो प्लास्टिक लोगों के ब्रेन में भी जा रहा है. इसलिए FSSAI ने जो भी नए नियम बनाए हैं इसको तुरंत लागू करने की जरूरत है.
घर के पानी को उबालकर पीएं
डॉ वली कहते हैं कि कुछ बड़े होटलों ने शीशे की बोतलों में पानी देना बहुत पहले से ही शुरू कर दिया है, क्योंकि उन्हें पता था कि बोतलबंद पानी में माइक्रो प्लास्टिक शरीर को नुकसान कर रहा है.
डॉ वली कहते हैं कि पहले लोग लोग मटके का पानी पीते थे .लेकिन अब ना तो घर में मटका है और न ही सुरई है. अब इनकी जगह प्लास्टिक की बोतलों ने ले ली है. इन बोतलों में प्लास्टिक के अलावा भी इसमें बहुत सारी दूसरी खतरनाक चीजें है जो शरीर को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
डॉ वली कहते हैं कि आजकल पानी ही नहीं दूध भी प्लास्टिक की बोतल में आता है जिससे माइक्रो प्लास्टिक इंसान के शरीर में जाता है. हर चीज से माइक्रो प्लास्टिक अंदर जा रहा है इसलिए यह अच्छा कदम उठाया गया है. इस कदम को सख्ती से लागू करना चाहिए.
अब लोगों को सलाह है कि प्लास्टिक की बोतल की जगह आपके पास जो पानी घर में आता है उसको ही उबालकर पी लें. इससे कोई नुकसान नहीं होता है.
माइक्रो प्लास्टिक से कई बीमारियों का खतरा
डॉ वली कहते हैं कि इस ओर भी ध्यान देना चाहिए कि खाद्य पदार्थों की पैकेंग कैसे हो कि सेहत को इससे नुकसान न हो. आने वाले कुछ समय बाद इसके इफेक्ट्स पता चलेंगे अभी भी लोगों की याददाश्त कमजोर हो रही है. कई तरह की बीमारियां हो रही है. इससे हार्ट डिजीज , कैंसर जैसी बड़ी बीमारियां होती है. माइक्रो प्लास्टिक के सेहत पर पड़ने वाले असर को लेकर भी कई तरह की रिसर्च हुई हैं. इनमें बताया गया है कि माइक्रोप्लास्टिक ब्रेन तक को नुकसान पहुंचाता है.