हाई कोलेस्ट्रॉल - आंखों में दिखने वाले ये धब्बे खतरे की घंटी
जब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, तो इसके लक्षण हाथ-पैर से लेकर आंखों के आसपास तक दिखने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत आंखों के अंदर भी नजर आ सकता है? हाई कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
अक्सर लोग हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेतों को हाथ-पैर में ही तलाशते रहते हैं, लेकिन अब अपनी आंखों के अंदर होने वाले बदलावों पर भी ध्यान देना जरूरी है। आइए जानते हैं कि कैसे आंखों की मदद से हाई कोलेस्ट्रॉल का पता लगाया जा सकता है।
आई फ्लोटर
आई फ्लोटर आंखों के अदंर नजर आने वाला वो स्पाट है जो काले और ग्रे रंग का नजर आता है। ये आंखों में छोटे-छोटे जाल जैसे दिखाई देता है। ये डार्क स्पॉट और लाइन्स कहीं न कहीं रेटीनल वेन ऑक्लुशन का एक लक्षण है। दरअसल रेटीना आपकी आंख के पीछे मौजूद एक लाइट सेंसेटिव टिश्यू है, जो रेटीना की धमनी या नस के माध्यम से रक्त की आपूर्ति करता है। जब ये नस ब्लॉक हो जाती है तो इसे रेटीनल वेन ऑक्लुशन कहलाता है।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने पर होता है दोगुना खतरा
जब ये नस ब्लॉक हो जाती है तो रक्त या तरल पदार्थ रेटीना से बाहर निकलने लगता है। जब ऐसा होता है तो रेटीना के हिस्सा, जिसे माकुला कहा जाता है, उसमें सूजन आने लगती है। हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर यह नसों के ब्लॉक होने की समस्या दोगुनी हो जाती है। मुख्य नस में ब्लॉकेज ज्यादा होता है। इस स्थिति के लक्षणों में शामिल हैंः
1-एक आंख से देखने में दिक्कत
2-धुंधला-धुंधला दिखाई देना
3-प्रभावित आंख में दर्द या फिर एक आंख में दर्द
3-आई फ्लोटर के लक्षण
1-आंखों में छोटी-छोटी लाइनें
2-रिंग्स यानी की छल्ले
3-जाल के आकार की आकृतियां
4-अनियमित आकृतियां दिखाई दे सकती हैं।
डॉक्टर को कब दिखाएं
अगर अंधेरे के दौरान आंखों पर फ्लैश मारने से आपको अंधेरा दिखाई दे या तेज रौशनी बर्दाश्त न हो तो ये सिर्फ हाई कोलेस्ट्रॉल का ही संकेत नहीं है। आप सही जानकारी के लिए टेस्ट करा सकते हैं। डॉक्टर कई तरीकों की मदद से आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक कर सकता है।