क्या शाम में आपको भी होने लगती है घबराहट? सनसेट एंग्जाइटी के बारे में जानें

क्या शाम में आपको भी होने लगती है घबराहट? सनसेट एंग्जाइटी के बारे में जानें
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कोरोना संक्रमण के बाद से इंसान की जीवनशैली में कई सारे बदलाव देखने को मिल रहे हैं. साथ ही बहुत सारी परेशानियां भी खड़ी हो रही हैं. इसमें एंग्जाइटी एक नई परेशानी के रूप में सामने आई है. आज भारत में एंग्जाइटी से ज्यादातर लोग ग्रसित हैं. इस बीमारी में व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से खुद को अधिक सोचना, चिंता, घबराहट, डर और तनाव महसूस करता है.

एक समय के बाद व्यक्ति इस बीमारी में ऐसे टूटने लगता है कि वह फैमिली में किसी से बात करने से भी डरता है और एकांत में वह रहना पसंद करता है. एंग्जाइटी के कई प्रकार हैं. ज्यादातर लोगों में एंग्जाइटी की समस्या सनसेट के बाद शुरू होती है और पूरी रात तक बनी रहती है. जैसे-जैसे सूरज ढलता है और रात का अंधेरा छाने लगता है, इस स्थिति में व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता एंग्जाइटी से ग्रसित व्यक्ति कई बार जीवन खत्म करने के बारे में भी सोचने लगता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर और एक्सपर्ट्स से सलाह लेने की जरूरत होती है.

सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण

कोविड महामारी के बाद बहुत से लोगों में एंग्जाइटी की शिकायतें सामने आई हैं. इसमें सनसेट एंग्जाइटी भी शामिल है. सनसेट एंग्जाइटी सूरज ढलने के बाद शुरू होने वाली एक बीमारी है. इस बीमारी से पीड़ित लोग आज मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट्स या डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं. सनसेट एंग्जाइटी के लक्षण मानसिक और शारीरिक दोनों तरह के हो सकते हैं

मानसिक लक्षण और शारीरिक लक्षण

शाम के समय व्यक्ति में घबराहट, चिंता और डर का माहौल बढ़ने लगता है. व्यक्ति के अंदर सिर्फ नेगेटिव विचार आने लगते हैं. व्यक्ति अंदर से खुद को डर और दहशत महसूस करता है. उसे हर वक्त लगता है कि उसके साथ कुछ गलत होने वाला है या भविष्य से वह डरने लगता है. एक लाइन में कहे तो व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी आने लगती है.

एंग्जाइटी में दिल की धड़कन तेज हो जाता है. ठंड के दिनों में भी एंग्जाइटी से पीड़ित व्यक्ति को पसीना आने लगता है. व्यक्ति के हाथों और पैरों में कंपन होने लगता है. सांस लेने में भी कठिनाई होने लगती है. व्यक्ति खुद को बहुत थका हुआ महसूस करने लगता है. रात को नींद न आना या बार-बार टूटना भी एंग्जाइटी का शारीरिक लक्षण होता है.

सनसेट एंग्जाइटी के कारण

चिंता और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जो व्यक्ति पहले से चिंता, डिप्रेशन या अन्य मानसिक सामना कर रहे हैं, उनमें यह समस्या बाकी लोगों की अपेक्षा ज्यादा होती है.

हार्मोनल बदलाव शाम के समय शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव, जैसे मेलाटोनिन और कोर्टिसोल का स्तर, मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं.

तनाव है मुख्य कारण

परिवारिक टेंशन, ऑफिस का तनाव या अन्य जिम्मेदारियों का दबाव शाम के समय और बढ़ने लगता

सनसेट एंग्जाइटी का इलाज

इस मानसिक स्थिति से निपटने के लिए यह उपचार और तकनीकें उपयोगी हो सकती हैं:

थैरेपी

एंग्जाइटी को दूर करने के लिए सीबीटी थेरेपी काफी लाभकारी माना जाता है. यह थेरेपी नेगेटिव विचारों की पहचान और उन्हें बदलने में मदद करती है. इसके अलावा प्रोफेशनल काउंसलिंग से तनाव को दूर और उसे कम करने में मदद मिलती है.

दवाइयां

अगर सनसेट एंग्जाइटी गंभीर हो, तो डॉक्टर एंटीडिप्रेसेंट या एंटी-एंग्जाइटी दवाइयां लेने की सलाह देते हैं.

योग और ध्यान

प्राणायाम, योग और ध्यान से आप मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं. खासकर एंग्जाइटी की समस्या वाले लोगों को योग और ध्यान पर विशेष फोकस करना चाहिए. इसके अलावा प्रणायाम में डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज तनाव और घबराहट को तुरंत कम करने में मदद कर सकती है.

सकारात्मक माहौल

एंग्जाइटी वाले लोगों को हमेशा सकारात्मक माहौल में रहना चाहिए. हल्की और सकारात्मक संगीत सुनना, किताब पढ़ना, या कोई रचनात्मक गतिविधि में व्यस्त रहना चाहिए.

दिनचर्या में सुधार

नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, और लाइफस्टाइल में बदलाव कर आप अपनी समस्या को जल्द ही दूर कर सकते हैं.

डॉक्टर से कब संपर्क करें

अगर आपको या आपके नजदीक में रहने वाले किसी को एंग्जाइटी या सनसेट एंग्जाइटी की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो तत्काल प्रोफेशनल हेल्थ एक्सपर्ट्स या डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

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