क्या डायबिटीज से होती है दिल की बीमारी, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर?

क्या डायबिटीज से होती है दिल की बीमारी, जानें क्या कहते हैं डॉक्टर?
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भारत में पिछले कुछ सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिली है. कम उम्र के लोग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके मुख्य कारण गलत खानपान, बिगड़ती लाइफस्टाइल, दिनचर्या और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों लोगों को अपना शिकार बना रही है. इससे डायबिटीज की समस्या भी तेजी से बढ़ी है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डायबिटीज से दिल की बीमारी हो सकती है. क्या मधुमेह का असर हृदय रोग का खतरा बढ़ा देता है. तो आइए इस बारे में क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स.

डॉ. अजय कुमार बताते हैं कि डायबिटीज न केवल ब्ल्ड में शुगर के स्तर को प्रभावित करती है, बल्कि यह शरीर की रक्त वाहिकाओं और हृदय को भी कमजोर कर सकती है. यह स्थिति कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) का प्रमुख कारण बनती है. डायबिटीज के रोगियों में दिल के दौरे, स्ट्रोक, और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं के होने का खतरा बढ़ जाता है. सामान्य व्यक्तियों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों में दिल से संबंधित बीमारियों के होने का खतरा 2-4 गुना अधिक होता है.

डायबिटीज और दिल की बीमारी के बीच क्या है संबंध

हाई ब्लड शुगर खून में शुगर का स्तर लगातार बढ़ जाता है, इससे रक्त वाहिकाओं की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है. इससे धमनियां सिकड़ने लगता है. जिससे हृदय में ब्लड फ्लो कम होने लगता है.

हाई ब्लड प्रेशर डायबिटीज का बीपी से गहरा लगाव है. ब्लड प्रेशर होने से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. ऐसे में डायबिटीज से दिल से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा बढ़ा जाता है.

खराब कोलेस्ट्रॉल डायबिटीज के मरीजों में LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) का स्तर तेजी से बढ़ता और HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) कम होता रहता है. इससे भी हर्ट से संबंधित समस्या बढ़ सकती है. बैड कोलेस्ट्रॉल से रक्त प्रवाह प्रभावित होने लगता है.

मोटापा और इंसुलिन डायबिटीज के रोगियों में मोटापा आम है और यह स्थिति दिल के रोगों का खतरा बढ़ा सकती है. मोटापा इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ाकर मेटाबॉलिक सिंड्रोम का कारण बन सकता है.

सूजन और ऑक्सीडेटिव डायबिटीज से सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ सकता है, जो हृदय की मांसपेशियों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है.

डायबिटीज से कैसे होता है हृदय रोग

कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) धमनियों में वसा जमा होने से रक्त प्रवाह में रुकावट आती है, जिससे हर्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है.

कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर में हृदय ब्लड को पंप करने में असमर्थ हो जाता है.

पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से शरीर के अन्य भागों में रक्त प्रवाह बाधित होता है, खासकर पैरों में खून का संचार कम हो जाता है. इस स्थिति में दिल का दौरा पड़ने की आशंका बनी रहती है.

डायबिटीज से दिल की बीमारी रोकने के उपाय

ब्लड शुगर को नियंत्रित करें. डॉक्टर के बताएं तरीके से ब्लड शुगर की नियमित जांच करें.

स्वस्थ आहार अपनाएं फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, और वसा रहित प्रोटीन को आहार में शामिल करें. ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट, और शुगर युक्त खाद्य पदार्थों से बचें.

नियमित व्यायाम करें सप्ताह में कम से कम 150 मिनट एरोबिक व्यायाम करना चाहिए. योग और ध्यान तनाव को कम करने में मददगार साबित होंगे.

धूम्रपान और शराब से बचें वैसे तो किसी भी व्यक्ति के लिए धूम्रपान और शराब का सेवन हानिकारक है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों को तो बिलकुल धू्म्रपान नहीं करना चाहिए. इससे अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

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