देश में पहली बार किडनी बाइलेटरल विल्म्स ट्यूमर की हुई सर्जरी, क्या है ये बीमारी?
भारत के डॉक्टरों ने उज़्बेकिस्तान से आए 6 साल के बच्चे को मौत के मुँह से निकाल कर मिसाल कायम कर दी है. दोनों किडनी में कैंसर से पीड़ित उमिद जॉन की माँ के लिये जब कोई उम्मीद नहीं बची थी तब उनके लिए भगवान साबित हुए. भारतीय डॉक्टर और सफल सर्जरी के बाद इस छोटी जान को जीवनदान दिया. आज ये बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है और अपने परिवार के साथ बेहद खुश है. उमीद जॉन अब खुद भी डॉक्टर बनना चाहता है.
डॉ परेश जैन और उनकी टीम के लिए यह बेहद जटिल केस था और वो पहली बार इस तरह के मरीज़ को हैंडल कर रहे थे, लेकिन रिस्क मिनिमाइज़ करते हुए कुशलता पूर्वक पूरे ट्रीटमेंट और सर्जरी प्रोसीजर को हैंडल किया गया. जिसका नतीजा है कि भारत में पहली बार फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला की टीम को इस तरह की सफल सर्जरी की उपलब्धी हासिल हुई है. डॉ परेश जैन ने इस बीमारी के इलाज, और उससे जुड़े रिस्के के बारे में विस्तार से बताया.
पूरी तरह स्वस्थ है बच्चा
उमीद जॉन अब स्वस्थ हैं और डॉक्टर्स को पूरी उम्मीद है कि अब दोबारा उन्हें सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी. वो सामान्य जीवन जी सकेंगे. उमिद की मां ने बताया कि उज़्बेकिस्तान में बच्चे का इलाज कराते हुए उन्हें नहीं लगा था कि इसे बचाया जा सकेगा, फिर परिवार भारत पहुंचा और फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के डॉक्टर्स ने आस जगाई. डॉ परेश जैन ने मिशन की तरह इसे लिया और आज उनका बच्चा स्वस्थ है.
किडनी बाइलेटरल विल्म्स ट्यूमर क्या है
किडनी बाइलेटरल विल्म्स ट्यूमर यानी की एक ही मरीज की दोनों किडनी में ट्यूमर है. विल्म्स ट्यूमर, किडनी का सबसे खतरनाक ट्यूमर माना जाता है. यह बच्चों में होने वाला किडनी कैंसर का सबसे आम प्रकार है. यह ट्यूमर आमतौर पर एक ही किडनी में होता है, लेकिन कुछ मामलों में दोनों किडनी में हो जाता है. ऐसे में मरीज की सर्जरी करना काफी मुश्किल होता है.
दो साल तक डॉक्टर की निगरानी में रहेगा बच्चा
अभी दो साल तक डॉक्टर्स हर तीन महीने पर उमिद जॉन का फॉलो अप लेते रहेंगे. इनके परिवार को न इंग्लिश या भारतीय भाषा की समझ नहीं है, लेकिन एक व्यक्ति ने डॉक्टर और परिवार के बीच पुल बनकर काम किया.
दुनिया में अभी तक 16 मामले आए सामने
विश्व में अब तक केवल 16 मामले सामने आए हैं. कैंसर के चौथे स्टेज में बच्चा पहुंच गया था, लेकिन डॉक्टर की मेहनत और ईश्वर के आशीर्वाद से बच्चे की सर्जरी सफल हो गई और बच्चा आज स्वस्थ जीवन जी रहा है.