सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में ये वैक्सीन लगती हैं मुफ्त, जन्म के बाद बच्चों को जरूर लगवा लें

सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में ये वैक्सीन लगती हैं मुफ्त, जन्म के बाद बच्चों को जरूर लगवा लें
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जन्म के बाद बच्चों का टीकाकरण करवाना जरूरी होता है. इससे बच्चों में कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता मजबूत होती है. जन्म के बाद बच्चों में संक्रमण होने का खतरा बना रहता है. इसलिए शिशुओं को टीके जरूर लगवा देने चाहिए. सरकारी अस्पतालों में ये टीके निशुल्क लगाए जाते हैं. जन्म के बाद बच्चों को कौन से टीके जरूर लगवाने चाहिए. इस बारे में इस बारे में दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. पिनाकी आर देबनाथ (Dr Pinaki R Debnath) ने बताया है.

डॉ पिनाकी बताते हैं कि सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत कई वैक्सीन हैं तो गंभीर बीमारियों से बचाव करती हैं. उनमें ये प्रमुख हैं.

BCG वैक्सीन (टीबी) से बचाती है

HEPATITIS B vaccine गंभीर jaundice से रक्षा करती है

पोलियो वैक्सीन पोलियोसे बचने के लिए

H influenzas B vaccine फ्लू और निमोनिया के लिए

DPT वैक्सीन diphtheria tetanus pertussis के लिए

Rotavirus vaccine डायरिया

Measles vaccine खसरा के लिए

Pneumococcal vaccine निमोनिया और meningitis से बचाव करती है

JE vaccine मस्तिष्क बुखार

Rubella vaccine जर्मन measles

Td vaccine टिटनेस और डिप्थिरिया से बचाव

हेपेटाइटिस बी टीकाकरण

हेपेटाइटिस बी का टीका ज़्यादातर बच्चों को दिया जाता है. यह जन्म के 24 घंटे के भीतर ही लगाया जाता है. इसकी दूसरी खुराक 1 महीने से 2 महीने के बीच दी जाती है और तीसरी खुराक 6 महीने से 18 महीने के बीच लगाई जाती है. लीवर कैंसर जैसी गंभीर, पुरानी बीमारी होने की 90% संभावना होती है. इसलिए अगर बच्चे के जन्म के समय से टीकाकरण शुरू हो जाता है तो शिशुओं को संक्रमण से बचाया जा सकता है.

रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस

यह वायरस गंभीर श्वसन संबंधी बीमारी का कारण बन सकता है, खासकर शिशुओं और कुछ छोटे बच्चों को अपनी चपेट में लेता है. मेडिकल साइंस में अब गर्भावस्था के दौरान ही माताओं को यह टीका लगाया जाता है.

डीपीटी वैक्सीन

बच्चों को वैक्सीन की 5 खुराक दी जाती है. यह वैक्सीन तीन बीमारियों से होने वाली गंभीर बीमारी से बचाती है. डिप्थीरिया बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में लेता है. गले में संक्रमण और सांस लेने में समस्या बढ़ जाती है. अगर डिप्थीरिया का टीका बच्चों में लगा दिया जाता है तो बच्चों में जान का खतरा कम हो जाता है.

टेटनस

एक घातक जीवाणु है. यह बच्चों को तेजी से संक्रमित करता है. ऐसे में बच्चों के जन्म के समय ही यह टीका लगाया जाता है.

हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) टीका

हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी वैक्सीन बच्चों को कई प्रकार की बीमारियों से बचाती है, जिसमें कान का संक्रमण, फेफड़ों का संक्रमण, गले में सूजन और मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की परत में सूजन होने का खतरा बढ़ जाता है. जिन बच्चों को टीका नहीं लगाया गया है और उनमें मेनिन्जाइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए बच्चों को यह टीका लगवाना जरूरी है.

पोलियो (आईपीवी) टीका

बच्चों को पोलियो का टीका अब भी लगवाना आवश्यक है. भारत में पोलियों की समस्या पहले से काफी कम हुआ है, लेकिन यह बीमारी आज भी बच्चों में होती है. इसलिए अपने बच्चों को पोलियो का टीका लगवाना चाहिए.

रोटावायरस (आर.वी.) टीका

बच्चों में दस्त होना आम समस्या है. यह वायरस बहुत आसानी से फैलता है हाथों, गंदे डायपर या खिलौनों और हवा के माध्यम से यह संक्रमण बच्चों में प्रवेश करता है. इससे बच्चों में दस्त, उल्टी, बुखार और पेट में दर्द होता है. इसलिए बच्चों को रोटावायरस का टीका लगाया जाता है.

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