सर्दियों में हार्ट रहेगा हेल्दी, आयुर्वेद के डॉक्टर ने बताए ये टिप्स
कोविड-19 के बाद भारतीय लोगों की शारीरिक गतिविधियों में कई बदलाव हुए हैं. इसमें इम्यून पॉवर की कमी से लेकर दिल की बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ा है. खासकर सर्दियों में हृदय से जुड़ी समस्याएं और बढ़ जाती है. कोरोना महामारी के बाद तो हालात ऐसे हो गए हैं कि बिना लक्षण ही लोग हार्ट की बीमारी का शिकार हो रहे हैं. कोई डांस करते गिर रहा है तो कोई मंच पर किरादार निभाते-निभाते आंखें मूंद रहा है. इस तरह के हालात के पीछे कई कारण भी हैं. इसमें अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफ स्टाइल सबसे बड़ा कारण है.
अगर आप हेल्दी हार्ट रखना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपनी दिनचर्या और खानपान का ख्याल रखना पड़ेगा. वहीं, शराब, सिगरेट और पान गुटखा से दूरी बनाकर रहना होगा. आज भारत में हार्ट से जुड़ी समस्याओं में इन चीजों की भूमिका अहम देखी जा रही है. इससे हार्ट अटैक, कार्डिक अरेस्ट समेत दिल से जुड़ी कई समस्याएं हो रही हैं. वैश्विक स्तर पर हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में से 18 फीसदी भारत में होती हैं. हैरान करने वाली बात तो ये है कि यह समस्या पिछले 10 सालों में तेजी से बढ़ी हैं.
युवाओं में तेजी से बढ़ रही बीमारी
यह बीमारी युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है. आज के युवा स्ट्रेस में जीवन जी रहे हैं. वर्क और फैमिली प्रेशर की वजह से युवा अधिक समय तनाव में रहते हैं. आज के युवा एक्सरसाइज और प्राणायाम तक नहीं पा रहे हैं. विशेषकर सर्दियों में फिजिकल एक्टिविटी कम होने की वजह से युवा तेजी से शिकार हो रहे हैं. सर्दियों में यह बीमारी बढ़ने का खतरा अधिक रहता है. हालांकि, सही खानपान और स्ट्रेस फ्री लाइफ और आयुर्वेद टिप्स अपनाकर इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है.
ये आयुर्वेदिक औषिधियां लें
दिल्ली में आयुर्वेद के डॉ. आरपी पराशर बताते हैं कि दिल से जुड़ी बीमारी का खतरा कम करने के लिए रोजाना योग प्राणायाम, ध्यान, वॉकिंग और एक्सरसाइज करना जरूरी है. इसमें 30-40 मिनट पैदल चलना सबसे फायदेमंद है. इससे हृदय रोग का जोखिम काफ़ी हद तक कम हो सकता है.
आयुर्वेद में दिल को दुरस्त रखने के लिए कई औषधियां हैं.
1 चम्मच अर्जुन की छाल, 5 तुलसी के पत्ते और 2 दालचीनी के टुकड़े को उबालकर लेने से दिल से जुड़ी परेशानी कम हो जाती है. इसके अलावा गोधअर्क पीने से भी हार्ट हेल्दी रहता है.