डायबिटीज से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो जरूर अपनाएं ये आदतें

डायबिटीज से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो जरूर अपनाएं ये आदतें
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एक ऐसी बीमारी जो एक बार होने के बाद पूरे जीवन भर इंसान के शरीर को नहीं त्यागती है है. एक ऐसी बीमारी जिसका बुनियाद खराब जीवनशैली को माना जाता है. वैसे तो यह बीमारी कई अन्य अन्य कारणों जैसे हाई ब्लड प्रेशर, खराब डाइट, मोटापा की अधिकता से भी होती है. जी हां हम डायबिटीज की बात कर रहे हैं. वर्तमान जीवन शैली विशुद्ध रूप से शारीरिक निष्क्रियता और अपशिष्ट भोजन पर आधारित हो चुका है. जिसके परिणामस्वरुप हमारे ब्लड में शुगर के लेवल में वृद्धि होने लगती है और इन्सुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है जो आगे चलकर डायबिटीज के रूप में सामने आता है. आइए जानते हैं चार ऐसी आदतों को जिसको अपनाकर आप डायबिटीज जैसी बीमारी से अपनी रक्षा कर सकते हैं.

व्यायाम और कसरत को दिनचर्या का अहम हिस्सा बनाएं

अधिका वजन या मोटापा का होना खासकर पेट वाले हिस्से पर ज्यादा फैट जमा होना इंसुलिन के उत्पादन में बाधा पहुंचता है और डायबिटीज को निमंत्रण देता है. नियमित एक्सरसाइज से एक्स्ट्रा कैलोरी और कोलेस्ट्रॉल बर्न होता है जिससे वजन कम रहेगा साथ ही कसरत करने से हमारे ब्लड में ग्लूकोज के लेवल में कमी आती है. नियमित कसरत से इन्सुलिन सेंसटिविटी बढ़ती है और इंसुलिन का उत्पादन प्रभावित नहीं होता. जिससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है.

फाइबर युक्त फल सब्जियों को अपने डाइट में जगह दें

फाइबर हमारे खून में मौजूद ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित रखता है और साथ ही ग्लूकोज को अवशोषित करता है जिससे कि खून में शुगर का लेवल नही बढ़ नहीं पता है. हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में सामान्य तौर पर कम कैलोरी और अधिक पोषक तत्व मौजूद होता है. जिससे शरीर में एक्स्ट्रा फैट नही बन पाता है जो हमारे शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. ओट्स, जौ और फलों जैसे घुलनशील फाइबर का सेवन शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल ( LDL) को कम करता है.

•फलों में :- सेब, केला, आम और जामुन ,

•सब्जियां में :- ब्रोकोली, गाजर, मटर और शकरकंद

•फलियां में :- छोले, दाल और काली बीन्स

•साबुत अनाज में :- बाजरा, रागी, जौ, चना, सोयाबीन, फ़ॉक्सटेल मिलेट, ओट्स, क्विनोआ को अपने आहार का अहम हिस्सा बना सकते हैं.

नींद से समझौता ना करें

नींद की कमी हमारे पूरे दिनचर्या को अस्त व्यस्त कर देता है. नींद की कमी से तनाव में वृद्धि, सोने उठने और खाने – पीने के समय में अनियमितता का जन्म होता है. इस प्रकार की असंतुलित और अनियमित दिनचर्या शरीर में इन्सुलिन उत्पादन में बाधा बनकर डायबिटीज को बुलवा देता है. कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हुई है कि पर्याप्त नींद लेना डायबिटीज के खतरे को कम करता है. इसलिए प्रतिदिन 7 /8 घंटे या 6/7 घंटे सोने की कोशिश करें.

तनाव लेने से बचें

तनाव हमारे शरीर में मौजूद कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे हार्मोन के उत्पादन को ट्रिगर करता है जिससे शरीर में इन हार्मोंस का उत्पादन अधिक मात्रा में होने की संभावना बढ़ जाती है. परिणामस्वरूप इंसुलिन उत्पादन में बाधा उत्पन्न होती है और शरीर में शर्करा की मात्रा में बढ़ोतरी होने लगती है. तनाव की स्थिति में लोगों की पूरी दिनचर्या खराब हो जाती है. तनाव ग्रस्त होने की स्थिति में भोजन – पानी, कसरत, नींद का ध्यान नहीं रहता है साथ ही चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न होने लगते हैं . इन वजहों से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है और डायबिटीज के रोगियों के लिए डायबिटीज का संतुलन मुश्किल हो जाता है इसलिए तनाव लेने से बचाना होगा.

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