पैरों का सुन्न होना दिमाग की इस खतरनाक बीमारी का हो सकता है लक्षण, जरूर करा लें ये टेस्ट

कभी-कभी हमारे पैरों में झुनझुनी या सुन्नापन होता है, फिर अपने आप कुछ देर बाद ठीक भी हो जाता है. अगर ऐसा कभी-कभार हो रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है या लंबे समय तक पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है. अगर आपको इस तरह की समस्या हो रही है तो इसे नजरअंदाज नहीं करें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. पैरों का सुन्न होना दिमाग की एक खतरनाक बीमारी का लक्षण होता है. इस बारे में डॉक्टर ने बताया है.
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग में डॉ दलजीत सिंह बताते हैं कि पैरों का सुन्न होना ब्रेन ट्यूमर का एक लक्षण हो सकता है. ब्रेन ट्यूमर के कारण ब्रेन के साथ साथ शरीर के नर्वस सिस्टम पर असर पड़ने लगता है. ट्यूमर के कारण ब्रेन और रीढ़ की हड्डी से लेकर पैरों तक के बीच संकेतों का आदान-प्रदान सही तरीके से नहीं हो पाता है. इससे पैरों में सुन्न जैसा महसूस होता है.
ट्यूमर से पैरों का क्या है कनेक्शन?
डॉ दलजीत बताते हैं कि हमारा दिमाग पूरे शरीर को नियंत्रित करता है. अगर दिमाग में कोई ट्यूमर बनता है, तो वह वहां की नसों पर दबाव डालने लगता है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में कमजोरी या सुन्नपन आ सकता है. अगर ट्यूमर ब्रेन के उस हिस्से पर असर डालता है, जो पैरों को नियंत्रित करता है तो पैर सुन्न पड़ सकते हैं या उनका संतुलन बिगड़ सकता है.
हमेशा ट्यूमर ही नहीं होता
पैरों के सुन्न होने के कई और कारण भी हो सकते हैं. कोई जरूरी नहीं है कि यह दिमागी ट्यूमर ही हो. इसलिए इसे घबराना नहीं चाहिए. हर बार पैरों का सुन्न होना दिमागी ट्यूमर की वजह से नहीं होता. इसके और भी कई कारण हो सकते हैं. लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने पर पैरों तक खून का सही संचार नहीं होता और वे सुन्न पड़ जाते हैं.
लेकिन अगर आपको पैरों के सुन्न होने के साथ साथ लगातार सिरदर्द, दौरे पड़ना, गर्मी या सर्दी के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता, धुंधला दिखने जैसे समस्या या फिर शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी हो रही है तो यह ट्यूमर का बड़ा संकेत है. इनको नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.