किन्नौर की वो जगह जिसे माना जाता है हिमाचल का सबसे खूबसूरत गांव

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अभी तक बड़ों में होने वाली डायबिटीज बीमारी अब छोटे बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है. भारत में यह बीमारी बच्चों में तेजी से बढ़ रही है. यह चिंता का विषय है. क्योंकि बच्चों की जिंदगी अभी शुरू हुई है और इतनी कम उम्र में ही उन्हें इस तरह की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है, कम उम्र में डायबिटीज होना सेहत संबंधी अन्य परेशानी जैसे मोटापा, किडनी और लीवर संबंधी समस्याओं सहित कई अन्य समस्याएं खड़ी कर सकता है. ऐसे में सभी पेरेंट्स को बच्चों में बढ़ाते डायबिटीज के मामलों के प्रति उचित जानकारी होनी चाहिए. डायबिटीज के कारण और लक्षण जानने के बाद ही मां-बाप अपने बच्चों को इस बीमारी से बचाने में मदद कर सकते हैं.

ज्यादा जंक फूड और मीठा खाने की आदत

बच्चे अब घर का हेल्दी खाना छोड़कर ज्यादा बाहर के फास्ट फूड और पैकेट वाले स्नैक्स खाना पसंद करने लगे हैं. पिज्जा, बर्गर, चिप्स, चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक और पैकेट वाले जूस में बहुत ज्यादा शुगर और अनहेल्दी फैट होता है, जो धीरे-धीरे शरीर में इंसुलिन को कमजोर कर देता है. इससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है और डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है.

खेलने-कूदने की कमी

पहले के समय में बच्चे ज्यादातर समय बाहर खेलते और दौड़ते थे, लेकिन अब मोबाइल, टीवी और वीडियो गेम में इतना बिजी हो गए हैं कि फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम हो गई है. जब शरीर ठीक से एक्टिव नहीं होता तो फैट जमा होने लगता है और शरीर इंसुलिन को सही से इस्तेमाल नहीं कर पाता, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

मोटापा

अगर बच्चे का वजन ज्यादा है तो उसके डायबिटीज का शिकार होने की संभावना भी बढ़ जाती है. जब शरीर में जरूरत से ज्यादा चर्बी जमा होने लगती है तो इंसुलिन सही से काम नहीं करता और ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है. खासतौर पर पेट के आसपास चर्बी बढ़ने से यह खतरा और भी ज्यादा हो जाता है.

परिवार में डायबिटीज का इतिहास

अगर माता-पिता या दादा-दादी में से किसी को डायबिटीज है, तो बच्चों में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि हर ऐसे बच्चे को डायबिटीज होगी, लेकिन अगर खानपान और लाइफस्टाइल सही नहीं रही, तो बीमारी जल्दी पकड़ सकती है. इसलिए जिनके घर में पहले से डायबिटीज है, उन्हें बच्चों की सेहत पर और भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए.

स्ट्रेस और कम नींद

बच्चों पर पढ़ाई का दबाव, स्क्रीन टाइम ज्यादा होने से नींद की कमी और स्ट्रेस भी डायबिटीज का बड़ा कारण बन सकता है. जब शरीर को आराम नहीं मिलता या दिमाग ज्यादा टेंशन में रहता है तो हार्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म पर असर पड़ता है और डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

बच्चों को डायबिटीज से बचाने के आसान टिप्स

बच्चों को घर का हेल्दी खाना खिलाएं और बाहर के फास्ट फूड को कम करें. दिन में कम से कम 1-2 घंटे आउटडोर गेम्स या फिजिकल एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करें. मीठी चीजों और कोल्ड ड्रिंक्स की आदत को धीरे-धीरे कम करें. उनकी नींद का ध्यान रखें और स्क्रीन टाइम को लिमिट में रखें. अगर परिवार में डायबिटीज है, तो समय-समय पर उनकी हेल्थ चेकअप करवाते रहें. अगर शुरू से ही बच्चों की हेल्दी आदतें डाली जाएं तो डायबिटीज जैसी बीमारी से उन्हें बचाया जा सकता है। बस थोड़ा ध्यान देना जरूरी है.

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