क्या वजन घटाने वाली दवाओं को छोड़ने के बाद वेट फिर से बढ़ सकता है? क्या कहते हैं एक्सपर्ट

क्या वजन घटाने वाली दवाओं को छोड़ने के बाद वेट फिर से बढ़ सकता है? क्या कहते हैं एक्सपर्ट
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भारत में मोटापा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. आज इस समस्या की वजह से कई बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. डायबिटीज, हार्ट अटैक समेत कई बमारियां मोटापे की वजह से हो रही हैं. महिलाओं और बच्चों में मोटापा अधिक देखा जा रहा है. हाल ही में मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने खुलासा किया कि भारत में महिलाओं में मोटापे की दर तेजी से बढ़ी है.

बीते 30 सालों में 10 फीसदी महिलाएं मोटापे का शिकार हुई हैं. वहीं, पुरुषों में यह आंकड़ा 5.4 फीसदी तक पहुंच गया है. यह आंकड़े बताते हैं कि बढ़ते वजन की बीमारी ओबेसिटी कितनी तेजी से बढ़ रही है. लोग मोटापा कम करने के लिए आज बहुत सी दवाएं भी ले रहे हैं. मार्केट में मोटापा कम करने वाली दवाएं उपलब्ध हैं, बहुत से लोगों ने इन दवाओं की मदद से वेट लॉस किया है, लेकिन क्या कभी सोचा है कि मोटापा कम करने वाली दवाएं लेना बंद कर देते हैं तो उसके बाद क्या होता है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में..

मोटापे को कम करने में दवाइयां करती है मदद

दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल में मेडिसिन विभाग के पूर्व डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि मोटापा किसी संक्रमण की तरह नहीं है, जिसमें एंटीबायोटिक्स लेते ही मोटापा कम होने लगता है. यह एक लंबी प्रक्रिया है. जीएलपी-1 एगोनिस्ट नामक दवा लेने से मोटापा को कम करने में कारगर साबित हुई है.

अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जून 2021 में क्रोनिक वजन प्रबंधन के लिए सेमाग्लूटाइड नामक एक जीएलपी-1-आधारित दवा के ब्रांड नाम वेगोवी को मंजूरी दी थी. इसके बाद 2023 में मौंजारो या टिरज़ेपेटाइड दवा भी मार्केट में आ गई. इन दवाओं के सेवन से लोगों ने 68 सप्ताह में औसतन 15-20 फीसदी वजन कम किया, लेकिन वेगोवी दवा के सेवन से कई दुष्प्रभाव भी सामने आए. इसमें मतली, पेट दर्द और सीने में जलन की शिकायतें भी आईं.

ऐसे में कई स्टडी में पाया गया कि अगर आप दवा लेने बंद कर देते हैं तो उसके बाद वजन फिर से बढ़ने लगता है. 800 लोगों पर शोध किया गया. चार महीनों तक मोटे लोगों को सेमाग्लूटाइड इंजेक्शन दिया गया. इसमें 11 फीसदी वजन कम हुआ, लेकिन जैसे लोगों ने इसे छोड़ा तो अचानक से खोया वजन 7% बढ़ गया.

वजन बढ़ने की रहती है संभावना

रुबिनो और दुनिया भर के अन्य विशेषज्ञों ने अपने क्लीनिकों में जीएलपी-1 दवाओं का इस्तेमाल करते समय इसी तरह के पैटर्न देखे हैं. अल्स्टर यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के क्लीनिकल प्रोफेसर एलेक्स मिरास कहते हैं “कुछ ही लोग वजन घटाने में कामयाब हुए. बाकी लोगों ने जैसे ही दवा खाना छोड़ा कि 3 से 6 महीनों के भीतर उनका वजन फिर से बढ़ने लगा. जब आप वजन घटाने वाली दवाइयां छोड़ते हैं, तो सबसे पहला असर यही हो सकता है कि आपका वजन फिर से बढ़ने लगे. दवाइयां वजन घटाने में मदद करती हैं, लेकिन जैसे ही आप उन्हें छोड़ते हैं, शरीर पहले जैसा हो सकता है और वजन वापस बढ़ सकता है.

ऐसा इसलिए होता है कि दवाइयां मेटाबोलिज्म यानी शरीर के कैलोरी जलाने की प्रक्रिया को तेज करती हैं. अगर आप दवाइयां छोड़ देते हैं, तो मेटाबोलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे कैलोरी जलने में कम समय लगता है और वजन बढ़ने की संभावना होती है.

दवाएं छोड़ने के बाद शरीर में होते हैं कई बदलाव

शोध में पाया गया कि वजन घटाने वाली दवाइयां भूख को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, लेकिन जब आप इन्हें बंद कर देते हैं, तो आपको ज्यादा भूख लगने लगती है. इसका मतलब है कि आप बिना सोचे-समझे ज्यादा खा सकते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है. दवाइयां छोड़ने से आपका मूड भी प्रभावित हो सकता है. कुछ लोग थोड़ी चिंता या उदासी महसूस कर सकते हैं, क्योंकि दवाइयां आपके शरीर और दिमाग को संतुलित रखने में मदद करती हैं.

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