ओजेम्पिक और लिराग्लूटाइड दवाएं कैसे करती हैं काम, ये वजन घटाने में कितनी कारगर?

दुनियाभर समेत भारत में मोटापा एक बड़ी समस्या बन रहा है. मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने इसको लेकर एक रिसर्च की थी. जिसमें बताया गया है कि देश में बीते तीन दशक में महिलाओं में मोटापे की दर 1.2से बढ़कर करीब 10 फीसदी और पुरुषों में 0.5 से बढ़कर 5.4 फीसदी हो गई है. यह आंकड़े बताते हैं कि बढ़ते वजन की बीमारी ( ओबेसिटी) कितनी तेजी से बढ़ रही है. चूंकि बीमारी के मामले बढ़ रहे हैं तो दुनियाभर की फार्मा कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा बाजार बन गया है. मार्केट रिसर्च फर्म फार्मट्रेक की रिपोर्ट बताती है कि भारत में वेट लॉस दवाओं का बाजार 2020 में 137 करोड़ से बढ़कर 2024 में 535 करोड़ तक हो गया है. देश में ऐसी कई दवाएं आई हैं जो मोटापे को कम करने का दावा करती हैं.
ओजेम्पिक (सेमाग्लूटाइड) और लिराग्लूटाइड (इंजेक्शन) को भी वेट लॉस के लिए काफी यूज किया जा रहा है. ये दवाएं विदेशी कंपनियों की हैं. इनकी कीमत भी काफी ज्यादा है. भारत मे ओज़ेम्पिक इंजेक्शन की कीमत 20,000 रुपये प्रति बॉक्स है. अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर ने साल 2017 में ओज़ेम्पिक को डायबिटीज़ के इलाज के लिए मंज़ूरी दी थी. इसी तरह लिराग्लूटाइड का भी प्रमुख यूज टाइप 2 डायबिटीज के लिए किया जाना था, लेकिन अब इनका इस्तेमाल मोटापा कम करने में भी हो रहा है.
कैसे काम करती हैं ये दवाएं?
पहले सेमाग्लूटाइड की बात करते हैं. यह दवा ग्लूकागन नाम के एक हार्मोन को कम करती है. यह हार्मोन ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम करता है. जब ये हार्मोन कम होता है जो शुगर लेवल कंट्रोल. सेमाग्लूटाइड लेने से पेट भरा हुआ लगता है. यह दवा ब्रेन में एक एरिया ( (जिसे GLP-1 रिसेप्टर्स कहा जाता है) को टारगेट करके ऐसा करती है. जब भूख कम लगती है तो व्यक्ति खाता भी कम है और इससे वजन गिरने लगता है.लिराग्लूटाइड दवा भी भूख को कम करती है. इस दवा से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. ऐसे में मेटाबॉलिज्म ठीक करके ये दवा वजन को कंट्रोल करती है.
वजन घटाने वाली ये दवाएं कितनी कारगर?
दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉ अजित कुमार बताते हैं कि ओजेम्पिक और लिराग्लूटाइड इन दोनों ही दवाओं को डायबिटीज के मरीजों के लिए विकसित किया गया था, लेकिन अब इनका यूज वजन घटाने के लिए भी हो रहा है. ये दवाएं भूख और शुगर लेवल को कंट्रोल करके मोटापा तो कम कर सकती हैं, लेकिन देखा जा रहा है कि कई लोग इनको डॉक्टर की सलाह के बगैर खा रहे हैं. यह सही नहीं है. लंबे समय तक इनको खाने से आपके मेटाबॉलिज्म और हार्मोनल बैलेंस पर प्रभाव पड़ सकता है. कई लोग ऐसे भी हैं जिनको डायबिटीज नहीं है, लेकिन वजन कम करने के लिए इनको खा रहे हैं. ऐसे लोगों में दवाओं के कुछ संभावित साइड इफेक्ट्स जैसे कि मितली, उल्टी, पेट में दर्द की समस्या हो सकती है.