बदलते मौसम में खांसी, जुकाम और गले में खराश? डॉक्टर से जानिए कारण और बचाव

बदलते मौसम में खांसी, जुकाम और गले में खराश? डॉक्टर से जानिए कारण और बचाव
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सर्दी का मौसम करीब-करीब खत्म हो हो रहा है. गर्मी शुरू होने वाली है. मौसम में अचनाक से बदलाव भी दिख रहे हैं. कभी ठंडी हवा तो कभी बारिश तो कभी-कभी तेज धूप निकल रही है. बदलते मौसम का प्रभाव इंसान के शरीर पर तेजी से पड़ता है. इस मौसम में इंसान बीमार पड़ने लगता है. बदलते मौसम में बहुत से लोग खांसी, जुकाम और गले में खराश की समस्या से जूझने लगते हैं. सुबह-शाम ठंड और दिन में गर्मी होने से ज्यादातर लोग बीमार पड़ने लगते हैं. अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह छोटी-सी समस्या बड़ा इंफेक्शन भी बन सकती है.

आज खांसी, जुकाम और गले में खराश की समस्या के कारणों और संकेतों को जानने के लिए हमने नोएडा के कैलाश अस्पताल के वरिष्ठ जनरल फिजिशियन डॉ मानस चटर्जी से संपर्क किया, जिन्होंने कुछ ऐसे लक्षण बताए हैं जिन्हें आपको अनदेखा नहीं करना चाहिए. अगर आप डॉक्टर के बताएं निर्देशों का सही तरीके से पालन करते हैं तो आप इन मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं.

डॉक्टर मानस चटर्जी ने बताया कि बदलते मौसम में खांसी, जुकाम और गले में खराश होना आम बात है.इसके अलावा संक्रामक रोग खासकर वायरस जनित बीमारियां भी इस समय बहुतायत मात्रा में पनपती और फैलती हैं. उन्होंने बताया कि इसके कई कारण हो सकते हैं. ठंड से गर्मी और गर्मी से ठंड का बदलाव शरीर पर जल्दी पड़ता है. इंसान का शरीर बाहरी टेम्परेचर को झेल नहीं पाता है और व्यक्ति जल्द ही बीमार पड़ जाता है.इससे बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग करना चाहिए.

वायरल इंफेक्शन

सर्दी-जुकाम एक तरह का वायरल इंफेक्शन होता है, जो एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है. बदलते मौसम में लोगों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए. अगर आप सर्दी जुकाम से पीड़ित हैं तब तो आप बिलकुल ही इन इलाकों में ना जाएं. खासकर कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को इन इलाकों में जाने से बचना चाहिए. क्योंकि जिस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती उसे बीमार पड़ने के चांसेज अधिक होते हैं.

धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बचाव

डॉक्टर ने कहा कि बदलते मौसम में धूल-मिट्टी और प्रदूषण से बचाव करना जरूरी है. घरों में भी आजकल पॉल्यूशन की मात्रा अधिक होती है. इसलिए आप जब भी घर में रहे तो साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें. इसके अलावा सड़कों पर उड़ती धूल और कारों का धुआं भी हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है. धूल और धुआं सांस के जरिए शरीर में पहुंचता है, जिससे गले में खराश होने लगती है. अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो मास्क जरूर लगाएं. जिससे आप धूल और धुएं से बच सके. इस दौरान हाइजन का खास ख्याल रखें . ध्यान रहें कि हम जितना साफ-सफाई रखेंगे उतना ही बीमार पड़ने की संभावना कम होगी.

गर्म या नॉर्मल पानी पिएं

आप गर्म पानी में एक चुटकी नमक डालकर गरारे करें. इससे गले की खराश, मुंह की बदबू और सांसों के संक्रमण में राहत मिलता है. इसके अलावा इसके कई और फायदे होते हैं. यह शरीर को हाइड्रेट करने में भी मदद करता है. अगर आप गर्म पानी अधिक नहीं पी पा रहे हैं तो दिन में 3 से 4 लीटर नॉर्मल पानी पिएं.

ठंडी चीजों का ज्यादा सेवन

इस मौसम में ठंडी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए. जैसे आजकल लोग आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक्स बड़े मजे से पीते हैं. खासकर युवा वर्ग इसके शौकीन होते हैं. ठंडी और कोल्ड ड्रिंक्स पीने से हमारा गला जल्द ही बैठ जाता है. ऐसे में आप फ्रीज का पानी, आइसक्रीम या कोल्ड ड्रिंक्स पीने से बचे. ठंडी चीजों की जगह गर्म पानी पीए. दिनभर में थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी पीना सर्दी-जुकाम और गले के खराश में राहत पहुंचाएगा.

बाहरी खाना खाने से बचें

डॉ मानस चटर्जी कहते हैं कि आजकल बाहर खाना खाना ट्रेंड बन गया है. खासकर जेनजी (1997-2012 में जन्मे बच्चे) घर का खाना छोड़कर बाहर का खाना पसंद करते हैं. जिसमें जंक फूड की डिमांड सबसे ज्यादा है. पिजा, बर्गर, चाऊमीन लोग बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि यह खाना उनके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि बाहरी खाना खाने से बीमार पड़ने की संभावना अधिक होती है. इसलिए बाहरी खाना खाने से बचें और घर का हेल्दी खाना खाएं और विटामिन सी से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. साथ ही अच्छी नींद लेना जरूरी है. जिससे शरीर को आराम मिले और बीमारी जल्दी ठीक हो सके.

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