क्या है ‘पेटीकोट कैंसर’? जानिए लक्षण और बचाव के उपाय
महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी कई चुनौतियां होती हैं, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर सबसे प्रमुख हैं। लेकिन हाल ही में एक नए प्रकार के कैंसर, जिसे ‘Petticoat cancer’ कहा जा रहा है, ने चिकित्सा जगत का ध्यान आकर्षित किया है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक केस स्टडी के अनुसार, भारत की दो महिलाओं में इस कैंसर का पता चला है।
पेटीकोट कैंसर (Petticoat cancer) दरअसल त्वचा कैंसर का एक प्रकार है, जो कमर पर अधिक दबाव और लगातार घर्षण के कारण होता है। यह समस्या विशेष रूप से उन महिलाओं में देखी गई है जो साड़ी पहनने के दौरान पेटीकोट को कमर पर कसकर बांधती हैं।
पेटीकोट को टाइट बांधने से कमर पर लगातार दबाव और घर्षण होता है, जिससे त्वचा पर जलन, सूजन और अल्सर हो सकता है। लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहने पर यह अल्सर गंभीर घाव में बदल जाता है, जो कैंसर का रूप ले सकता है।
पेटीकोट कैंसर (Petticoat cancer) को समय पर पहचानना बेहद जरूरी है। इसके कुछ सामान्य शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं:
– कमर पर काले निशान का बनना
– त्वचा का मोटा होना
– काले धब्बे और सूजन
– अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पेटीकोट कैंसर से बचाव के लिए कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपाय अपनाए जा सकते हैं:
– ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें: पेटीकोट या अन्य कपड़ों को कमर पर टाइट न बांधें।
– मुलायम कपड़े का चयन करें: पेटीकोट और साड़ी के लिए ऐसे कपड़े चुनें जो त्वचा पर नरम हों।
– त्वचा की देखभाल करें: कमर की त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाएं और नियमित रूप से साफ-सफाई करें।
– वजन नियंत्रित रखें: स्वस्थ वजन बनाए रखने से त्वचा पर दबाव कम होता है।
– संतुलित आहार और व्यायाम: पोषणयुक्त आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
जागरूकता की आवश्यकता
पेटीकोट कैंसर का खतरा कम करने के लिए जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है। यह समस्या न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। इसलिए महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने और छोटे लक्षणों को नजरअंदाज न करने की सलाह दी जाती है।
पेटीकोट कैंसर एक नई चुनौती है, लेकिन सावधानी और समय पर इलाज से इसे रोका जा सकता है। हर महिला को अपनी जीवनशैली में थोड़े-बहुत बदलाव लाकर इस समस्या से बचने की कोशिश करनी चाहिए। अगर कोई भी असामान्य लक्षण दिखें, तो विशेषज्ञ से सलाह लेने में देरी न करें। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है।