मेक इन इंडिया का 6 हाथों वाला रोबोट करेगा हार्ट की सर्जरी, मरीज को ऐसे होगा फायदा

हाल के वर्षों में जिस तरह के आधुनिक मशीनों ने सर्जरी को आसान बनाया है उसमें नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं. दिल्ली के एक निजी अस्पताल (फोर्टिस ) के डॉक्टरों ने एक नया रोबोट तैयार किया है. यह रोबोट एक नहीं दो नहीं बल्कि छह हाथों वाला है. देश के वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अशोक सेठ ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में बताया कि साल 2002 में पहली बार कार्डियक सर्जरी के लिए रोबोट का इस्तेमाल हुआ था. तब से लेकर अब तक कई तरह के रोबोट आए हैं. उनमें से यह नया छह हाथों वाला रोबोट सबसे उम्दा है.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कहा कि यदि हेल्थ केयर सिस्टम की बात करें तो एक बड़ा सेगमेंट ऐसा है जहां रोबोटिक सर्जरी की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि यह नया रोबोट जिसे मंत्रा नाम दिया गया है वह मेक इन इंडिया के तहत बना है और पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर है. यह सर्जरी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा.
आम ऑपरेशन से कई गुना अधिक फायदेमंद
डॉ अशोक सेठ ने कहा कि आम तौर पर कार्डियक ऑपरेशन के बाद मरीज को स्वस्थ होने में दस दिनों का वक्त लग जाता है. इस सर्जरी के माध्यम से महज 4 से पांच दिनों में ही मरीज स्वस्थ हो जाता है और घर जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से समय की काफी बचत होती है औऱ मरीज को दर्द का बिल्कुल भी एहसास नहीं होता है. उन्होंने कहा कि आज नेक्स्ट जेन सर्जिकल रोबोट लॉन्च कर कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस), यूरोलॉजी एवं जीआई सर्जरी के क्षेत्र में नए मानक रचे हैं.
यह सर्जिकल रोबोट वास्तव में, नेक्स्ट-जेन मेडिकल टेक्नोलॉजी है जो जटिल सर्जरी को सटीक और नियंत्रित तरीके से पूरा करने में मददगार साबित होगी. यह रोबोटिक-एसिस्टेड सर्जरी में उल्लेखनीय प्रगति है, जो मिनीमल इन्वेसिव प्रक्रियाओं को साकार करेगी जिससे सर्जरी के बाद मरीजों का रिकवरी समय घटेगा और जटिलताओं से जुड़े जोखिमों में भी कमी आएगी. कुल-मिलाकर, मरीजों को इससे बेहतर लाभ मिलेगा.
कैसे काम करता है यह रोबोट
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स ओखला में डॉ ऋत्विक राज भुयान डायरेक्टर, कार्डियक सर्जरी ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में बताया कि कई बार ऐसा देखा गया है कि हमारे हाथ उस जगह तक नहीं पहुंच पाते जहां सर्जरी की जरूरत होती है. सर्जिकल रोबोट अन्य सर्जिकल प्रणालियों से इस मायने में अलग है कि इसका ओपन कंसोल डिजाइन होने की वजह से सर्जन को सर्जरी साइट का 3D दृश्य दिखाई देता है.
इससे सटीकता बढ़ती है और कार्डियाक प्रक्रियाओं के दौरान ज्यादा बड़े आकार की हड्डी को काटने की जरूरत नहीं रहती. 360-डिग्री विज़न से आंतरिक संरचनाओं को अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. जिसकी वजह से अधिक कुशलतापूर्वक तरीके से टिश्यू हैंडलिंग की जा सकती है और पोस्ट-सर्जिकल ट्रॉमा अपेक्षाकृत कम होता है.
