मानसिक स्वास्थ्य पर खतरा: मोबाइल की ‘डिजिटल गिरफ्त’ में 73% लोग, रोज़ाना 7 घंटे तक स्क्रीन पर बिताते


नए सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि 73% लोग प्रतिदिन 5 से 7 घंटे तक मोबाइल स्क्रीन पर समय बिताते हैं, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार डिजिटल ओवरलोड न सिर्फ नींद और ध्यान क्षमता को खराब कर रहा है, बल्कि अवसाद, चिंता और सामाजिक दूरी जैसे जोखिम भी तेजी से बढ़ा रहा है।

रिपोर्ट में पाया गया कि

लगातार स्क्रीन टाइम बढ़ने से तनाव और चिड़चिड़ापन बढ़ता है।

युवा वर्ग में डिजिटल एडिक्शन के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।

लंबे समय तक मोबाइल पर रहने से आंखों पर दबाव, सिरदर्द और नींद की गुणवत्ता खराब होने की शिकायतें बढ़ गई हैं।

मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि परिवारों और युवाओं में डिजिटल निर्भरता एक गंभीर सामाजिक चिंता बनती जा रही है। विशेषज्ञ 2 घंटे से अधिक ‘नॉन-वर्क’ स्क्रीन टाइम को स्वास्थ्य के लिए खतरनाक मानते हैं।

स्वास्थ्य सलाह:

सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल बंद करें

हर 30 मिनट बाद स्क्रीन ब्रेक लें

सोशल मीडिया नोटिफिकेशन ऑफ करें

परिवार के साथ ऑफलाइन समय बढ़ाएं

डिजिटल दुनिया से बाहर निकलकर वास्तविक जीवन को प्राथमिकता देना आज की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है।

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