चीन में HMPV को लेकर क्या हैं हालात? सामने आया ताजा अपडेट
चीन में नए वायरस HMP को लेकर हर दिन नए-नए मामले सामने आ रहे हैं. ताजा जानकारी के मुताबिक, HMPV धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगे हैं. इससे वैश्विक महामारी की आशंका कम हो गई है. चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने उत्तरी प्रांतों में मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में कमी होने की जानकारी दी है. चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (CCD) के वरिष्ठ अधिकारी और रिसर्चर वांग लिपिंग ने कहा “14 वर्ष और उससे कम उम्र के लोगों में पॉजिटिव रेट में तेजी से गिरावट आ रही रही है. यह दशकों पुराना संक्रमण है.”
बता दें कि चीनी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अधिकारी का बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में उत्तरी चीन के कई अस्पतालों में संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक देखी गई थी. उत्तरी चीन में फैले इस वायरस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही थी, जिसमें अधिकांश बच्चे और बुजुर्ग बुखार और खांसी से पीड़ित दिख रहे थे और अस्पतालों में इलाज के लिए इंतजार कर रहे थे. ऐसे में चीनी अधिकारी का यह बयान चौंकाने वाला है. चीनी अधिकारी का कहना है कि बच्चों में संक्रमण के नए मामले नहीं आ रहे हैं.
चीन के स्वास्थ्य आयोग ने जताई चिंता
हालांकि, चीन के स्वास्थ्य आयोग ने अस्पतालों में बढ़ते मरीजों की संख्या पर चिंता जताई है. स्वास्थ्य आयोग के अधिकारी गाओ शिनकियांग ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि चीन के अस्पतालों में बुखार और जुकाम के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि, पिछले वर्ष की तुलना में कम है, लेकिन बढ़ते मरीजों की संख्या चिंता में डाल रही है.
WHO ने क्या कहा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को चीन या दुनिया के किसी भी देश से HMPV के खतरनाक मामलों की रिपोर्ट नहीं मिली है. विश्व स्वास्थ्य संगठन महामारी पर बारीक से नजर बनाए हुए है, हालांकि, संगठन को अभी तक कोई गंभीर मामला नहीं दिखा है. एचएमपीवी के लक्षण कोविड-19 के जैसे ही है. इसमें भी मरीजों को सर्दी-जुकाम, बुखार और सांस की समस्या होती है. खासकर छोटे बच्चे, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को यह वायरस अपनी चपेट में ले रहा है.
भारत एचएमपीवी से लड़ने के लिए तैयार
भारत के अलग-अलग राज्यों में HMP वायरस के 17 मामले सामने आए हैं. उन्हें गहन चिकित्सीय निगरानी में रखा गया है. इस संक्रमण से निपटने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. स्वास्थ मंत्रालय ने कहा कि जिन राज्यों में एचएमपीवी का मामला सामने आता है. उन्हें तुरंत ट्रेसिंग और टेस्टिंग कर आइसलोट किया जाए. भारत में जो HMPV के मामले आए हैं, उनमें गुजरात में पांच , महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में तीन-तीन , कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो और असम और पुडुचेरी में एक-एक केस शामिल है. भारतीय स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है.
वायरस 2001 में आया था सामने
बता दें कि इस वायरस की पहचान पहली बार 2001 में हुई थी. यह रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार का अंग है. यह संक्रमण सभी उम्र के लोगों में श्वसन रोग का कारण बन सकता है. ज्यादातर यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों को अपनी चपेट में लेता है.