90 मिनट तक नहीं धड़का युवक का दिल, फिर मौत के मुंह से वापस जिंदगी को खींच लाए डॉक्टर

90 मिनट तक नहीं धड़का युवक का दिल,  फिर मौत के मुंह से वापस जिंदगी को खींच लाए डॉक्टर
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ओडिशा के नयागढ़ जिले के 25 वर्षीय शुभकांत साहू को 1 अक्तूबर को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। उनके 90 मिनट तक रुके हुए दिल को ईसीपीआर की मदद से पुनः सक्रिय कर दिया गया।एम्स भुवनेश्वर के डॉक्टरों की टीम ने विशेष पुनर्जीवन प्रक्रिया - ईसीपीआर का इस्तेमाल करके 24 वर्षीय एक व्यक्ति की जान सफलतापूर्वक बचाने करिश्मा कर दिखाया है। युवक का दिल लगभग 90 मिनट तक धड़कना बंद रहा। लेकिन डॉक्टर लगातार कोशिश करते रहे और उसे वापस जिंदा कर दिया।


ओडिशा के नयागढ़ जिले के 25 वर्षीय शुभकांत साहू को 1 अक्तूबर को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था। उनके 90 मिनट तक रुके हुए दिल को ईसीपीआर की मदद से पुनः सक्रिय कर दिया गया। डॉक्टरों ने सोमवार को कहा कि ओडिशा के चिकित्सा इतिहास में यह एक मील का पत्थर है।


एम्स भुवनेश्वर के डॉ. आशुतोष बिस्वास ने बताया कि मरीज की हालत गंभीर थी और उसे 1 अक्तूबर को एम्स भुवनेश्वर रेफर किया गया था। वहां पहुंचने के कुछ ही समय बाद उसे दिल का दौरा पड़ा। करीब 40 मिनट तक पारंपरिक सीपीआर के बावजूद उसका दिल नहीं धड़का। इसके बाद टीम ने ईसीपीआर करने का फैसला किया।


एक्स्ट्राकॉर्पोरियल कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (ईसीपीआर) प्रक्रिया की जीवन रक्षक प्रणाली से मरीज को पुनर्जीवित करने में मदद मिली। इंटेंसिविस्ट और एडल्ट ईसीएमओ विशेषज्ञ डॉ. श्रीकांत बेहरा के नेतृत्व में टीम ने एक्स्ट्राकॉर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ईसीएमओ) शुरू किया था।

जिसके बाद लगभग 80 मिनट के बाद मरीज का दिल फिर से धड़कने लगा, हालांकि लय अनियमित थी। डॉ. बिस्वास ने बताया कि अगले 30 घंटों में, दिल की कार्यप्रणाली में काफी सुधार हुआ और 96 घंटों के बाद मरीज को ईसीएमओ से सफलतापूर्वक छुटकारा मिल गया।

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