एलर्जी की दवा जांच में फेल, विभाग इन दवाओं को भीलवाड़ा अस्पतालों से हटा रहा

भीलवाड़ा । औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने लेवोसेटिरिजिन डाईहाइड्रो क्लोराइड टैबलेट्स (विंसेट-एल टैबलेट) को अमानक घोषित कर दिया है। यह टैबलेट्स जांच में फेल हो चुकी हैं क्योंकि उनमें आवश्यक डाईहाइड्रो क्लोराइड साल्ट मौजूद नहीं था। फेल बैच की दवाएं अब किसी भी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल में उपलब्ध नहीं होंगी।
इस तरह की कार्रवाई पिछले दो माह में मुफ्त दवा योजना के तहत फेल हुए तीन दवाओं के सैंपल के बाद की गई है। इनमें लेवोसेटिरिजिन, लेक्टुलोज और प्राइमाक्वीन टैबलेट शामिल हैं।
**लेवोसेटिरिजिन के बारे में:**
* यह एक एंटीहिस्टामिन दवा है।
* शरीर में हिस्टामिन के प्रभाव को कम करती है, जिससे नाक बहना, छींक, आंखों में खुजली, त्वचा पर लाल चकत्ते, मौसमी एलर्जी, एक्जिमा और कीड़े के काटने से होने वाली एलर्जी में राहत मिलती है।
* आमतौर पर 5 एमजी की टैबलेट रात को दिन में एक बार दी जाती है।
* जांच में पाया गया कि टैबलेट में जरूरी सक्रिय तत्व मौजूद नहीं था।
* यह दवा वाय फार्मा कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश के सोलन में निर्मित की गई थी।
**अन्य बैन की गई दवाएं और कारण:**
* प्रदेश में एक महीने में लगभग 30 प्रकार की दवाओं पर रोक लगाई गई है।
* बच्चों की मौत से जुड़ी सिरप कंपनी के 19 दवाओं को बैन किया गया और 58 लाख टैबलेट्स को जब्त किया गया।
* मलेरिया उपचार में प्रयुक्त प्राइमाक्वीन टैबलेट के दो बैच पर रोक लगाई गई।
* लेक्टुलोज दवा में गुणवत्ता समस्या के कारण सप्लाई रोकी गई।
* बाजार में उपलब्ध अन्य दवाएं जैसे डॉक्सिसाइक्लिन कैप्सूल, डेक्मैक्स, लोपरामाइड, हायोसिन ब्यूटाइलब्रोमाइड, सिक्लो फिनेक, एलबेंडाजोल, फ्यूपेथिंक्सोल मेलिट्रासेन, अल्फा लिपोइक एसिड पर भी निगरानी रखी जा रही है।
**अधिकारियों का कहना:**
दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और आम जनता को सुरक्षित दवाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को फेल बैच की दवाओं को तुरंत हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
