प्रोस्टेट कैंसर के अलावा पुरुषों में इन कैंसर का भी खतरा

प्रोस्टेट कैंसर हाल के वर्षों में निश्चित ही एक गंभीर खतरा बनकर उभरा है। दुनियाभर में पुरुषों में होने वाला ये दूसरा सबसे आम कैंसर है। यहां जानना जरूरी है कि प्रोस्टेट कैंसर के अलावा भी कई प्रकार के कैंसर हैं जिनका खतरा पुरुषों में अधिक होता है। आइए इस बारे में जानते हैं।
कैंसर एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है जिसका खतरा सभी उम्र और लिंग वालों में देखा जा रहा है। बच्चे हों या बुजुर्ग, महिला हों या पुरुष किसी को भी कैंसर हो सकता है। कुछ दशकों पहले तक माना जाता था कि कैंसर का खतरा उम्र बढ़ने के साथ होता है पर कई डेटा स्पष्ट करते हैं कि बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं।
इन दिनों प्रोस्टेट कैंसर को लेकर काफी चर्चा हो रही है। विशेषतौर पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन जब से इसका शिकार हुए हैं तब से लोग प्रोस्टेट कैंसर के बारे में जानने के लिए खूब सर्च कर रहे हैं।
प्रोस्टेट कैंसर हाल के वर्षों में निश्चित ही एक गंभीर खतरा बनकर उभरा है। दुनियाभर में पुरुषों में होने वाला ये दूसरा सबसे आम कैंसर है, जिसके 2022 में 1.4 मिलियन (14 लाख) नए मामले और 3.96 से अधिक मौतें सामने आई थीं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज के अनुसार, 2040 तक मामलों की संख्या लगभग 24 लाख तक हो सकती है।
यहां जानना जरूरी है कि प्रोस्टेट कैंसर के अलावा भी कई प्रकार के कैंसर हैं जिनका खतरा पुरुषों में अधिक होता है। इस बारे में जागरूक रहना और पहले से ही बचाव के उपाय करते रहना बहुत जरूरी है।
पहले प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को समझिए
हाल ही में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन प्रोस्टेट कैंसर का शिकार पाए गए हैं। यह कैंसर प्रोस्टेट ग्रंथि में शुरू होता है, जो पुरुष प्रजनन प्रणाली का एक हिस्सा है। अधिकतर मामलों में यह धीरे-धीरे विकसित होता है, लेकिन कुछ प्रकार आक्रामक भी हो सकते हैं। इसलिए समय पर पहचान और बचाव बेहद जरूरी है।
ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में हर दिन प्रोस्टेट कैंसर से करीब 33 लोगों की मौत हो जाती है। 50 वर्ष की उम्र के बाद इस बीमारी की आशंका और बढ़ जाती है।
50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों या फिर जिनके पिता या भाई को प्रोस्टेट कैंसर रहा है, उन्हें ये होने का खतरा दो से तीन गुना अधिक होता है।
कुछ जीन में परिवर्तन से भी प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
अध्ययनों से पता चलता है कि उच्च वसा वाला भोजन, रेड मीट का अत्यधिक सेवन और शारीरिक गतिविधि की कमी भी आपको इसका शिकार बना सकती है।
पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के मामले
पुरुषों में फेफड़े के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। साल 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, फेफड़ों का कैंसर पुरुषों में कैंसर से मृत्यु का प्रमुख कारण है। भारत में हर साल लगभग 72,000 से अधिक पुरुष फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित होते हैं।
धूम्रपान की आदत को इसका सबसे बड़ा जोखिम कारक माना जाता।
लगातार खांसी आते रहना, बलगम में खून आना, सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द की समस्या लंबे समय से बनी है तो इसे बिल्कुल अनदेखा न करें।
मुंह और गले का कैंसर
पुरुषों में इस प्रकार के कैंसर के मामले भी अधिक देखे जाते हैं। विशेषकर ग्रामीण भारत में मुंह के कैंसर के मामले सबसे ज्यादा हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, तंबाकू (चबाने वाला और सिगरेट) इसका प्रमुख कारक है। इसके अलावा शराब या ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) का संक्रमण भी आपको मुंह के कैंसर का शिकार बना सकता है। यदि आपके मुंह में कोई घाव हो जो ठीक न हो रहा हो, लंबे समय से गले में खराश या आवाज में बदलाव महसूस हो रही है तो इसका समय पर निदान जरूर करा लें।
कोलोरेक्टल कैंसर
पुरुषों में कोलोरेक्टल कैंसर जिसे बाउल या कोलन कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की साल 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पुरुषों में कोलोरेक्टल कैंसर के मामलों में पिछले एक दशक में काफी बढ़ोतरी हुई है। दुनियाभर में पुरुषों में यह तीसरा सबसे आम कैंसर है।
खराब आहार (जैसे प्रोसेस्ड मीट), फाइबर की कमी, शराब-धूम्रपान और मोटापा जैसी स्थितियां इसके जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं।
अगर आपको लंबे समय से मल त्याग में दिक्कत, पेट दर्द, थकावट, वजन घटने जैसे समस्याएं बनी हुई हैं तो डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के अलावा फेफड़े, मुंह, लिवर, कोलोरेक्टल और मूत्राशय कैंसर का खतरा भी बहुत अधिक होता है। समय रहते इनका निदान हो जाए तो इलाज संभव है और जान बचने की संभावना भी बढ़ जाती है। अपने लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहें।