सर्दियों में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए बढ़ती चुनौतियां, डॉक्टर ने बताए जरूरी उपाय

सर्दी का मौसम आम लोगों के लिए मुश्किलें लेकर आता है, लेकिन दिव्यांग व्यक्तियों के लिए यह समय और भी चुनौतीभरा होता है। उनकी मूवमेंट कम होने और शरीर का तापमान तेजी से गिरने के कारण कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर दुष्यंत शर्मा का कहना है कि जरा सी लापरवाही दर्द, सूजन, स्किन इंफेक्शन और सांस से जुड़ी परेशानी को बढ़ा सकती है।
ठंड में ब्लड सर्कुलेशन कमजोर पड़ जाता है। दिव्यांग लोग सामान्य तौर पर कम चलते हैं, ऐसे में सर्दी के कारण रक्त प्रवाह और धीमा हो जाता है। इससे पैरों और उंगलियों में सुन्नपन, मांसपेशियों में खिंचाव और जोड़ों के दर्द जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। हल्की स्ट्रेचिंग, गुनगुने तेल से मालिश और हल्का फिजियो थेरेपी इन समस्याओं में राहत देती है।
व्हीलचेयर, स्टिक, कैलीपर या मेटल से बने सहायक उपकरण ठंड में बहुत तेजी से ठंडे हो जाते हैं। इससे शरीर के उन हिस्सों पर सुन्नपन और ठंडक बढ़ जाती है जहां मेटल का सीधा संपर्क होता है। इस स्थिति में सीट पैडिंग, थर्मल कवर, हैंड ग्लव्स और लेग वार्मर का उपयोग फायदेमंद रहता है।
लंबे समय तक बैठे रहने, साफ सफाई में कमी या पसीना और ठंड के मेल से स्किन इंफेक्शन और प्रेशर सोर की समस्या बढ़ सकती है। इससे बचने के लिए त्वचा को मॉइस्चराइज्ड रखें, रोज त्वचा की जांच करें और रैशेज दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
सर्दियों में सांस की समस्याएं भी तेज होती हैं। जिन लोगों की चलने फिरने की क्षमता सीमित होती है, उनमें फेफड़ों का वेंटिलेशन सामान्य से कम होता है। ठंडी हवा और प्रदूषण मिलकर खांसी, सांस लेने में कठिनाई और ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ा देते हैं। ऐसे में सुबह की कड़ाके की ठंड में बाहर न निकलें, मास्क पहनें और घर में स्टीम तथा ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।
डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर वाले दिव्यांग व्यक्तियों के लिए जोखिम और बढ़ जाता है। ठंड के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जबकि कम मूवमेंट से शुगर लेवल ऊपर जा सकता है। यह संयोजन हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है।
गलत कपड़े पहनना भी एक आम गलती है। कई लोग भारी लेकिन एक परत वाले कपड़े पहन लेते हैं, जो गर्मी को रोक नहीं पाते। ऐसी स्थिति में दो से तीन हल्की गर्म परतें पहनना अधिक लाभकारी है। सिर, कान और पैरों को अच्छी तरह ढकना जरूरी है।
सर्दी में प्यास कम लगती है, जिससे लोग पानी कम पीते हैं। लेकिन शरीर को पानी की जरूरत उतनी ही रहती है। पानी कम होने से थकान, पेशाब में संक्रमण और कब्ज जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए ठंड में भी पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।
