मानसून में बढ़ता संक्रमण का खतरा:: प्राइवेट पार्ट्स में इंफेक्शन का खतरा, ये हे बचाव के आसान उपाय

मानसून भले ही गर्मी से राहत लेकर आता हो, लेकिन नमी, पसीना और उमस के कारण यह मौसम कई संक्रामक बीमारियों को भी न्योता देता है। विशेष रूप से प्राइवेट पार्ट्स की स्वच्छता अगर अनदेखी रह जाए, तो UTI (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) और RTI (रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन) जैसी समस्याएं तेजी से पनप सकती हैं। ये संक्रमण न सिर्फ महिलाओं, बल्कि पुरुषों को भी प्रभावित कर सकते हैं।
संक्रमण का मुख्य कारण:
विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में:
शरीर का pH लेवल असंतुलित हो जाता है
त्वचा लंबे समय तक गीली रहने से फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ता है
अनुचित स्वच्छता से इन्फेक्शन तेजी से फैल सकता है
संभावित लक्षण:
बार-बार पेशाब आना या जलन
जननांगों में खुजली, जलन या दाने
बदबूदार या असामान्य डिस्चार्ज
त्वचा पर लालिमा, चकत्ते या फफोले
अगर इलाज न हो तो खतरा:
सामान्य खुजली भी गंभीर त्वचा रोग में बदल सकती है
संक्रमण फैलकर गर्भाशय या किडनी तक पहुंच सकता है
प्रजनन क्षमता पर भी असर पड़ सकता है
कैसे करें बचाव?
🔹 स्वच्छता का रखें विशेष ध्यान:
दिन में कम से कम दो बार प्राइवेट पार्ट्स को साफ करें।
🔹 सिंथेटिक कपड़ों से बचें:
हल्के, सूती और ढीले कपड़े पहनें ताकि त्वचा सांस ले सके।
🔹 गीले कपड़े तुरंत बदलें:
बारिश या पसीने से गीले कपड़ों को ज्यादा देर न पहनें।
🔹 ज्यादा पानी पिएं:
ज्यादा पानी पीने से संक्रमण के बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकलते हैं।
🔹 सुरक्षित संबंध बनाएं:
इंटीमेट मोमेंट्स में स्वच्छता का खास ध्यान रखें।
🔹 संक्रमण के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से मिलें।
सलाह:
"मानसून में सबसे जरूरी है शरीर को सूखा और साफ रखना। संक्रमण को नजरअंदाज न करें क्योंकि शुरुआती लक्षण गंभीर बीमारी में बदल सकते हैं।"इस मौसम में थोड़ी सी सतर्कता और साफ-सफाई आपको गंभीर बीमारियों से बचा सकती है। स्वास्थ्य में लापरवाही नहीं, समझदारी दिखाएं।