गाइनोकॉलॉजिकल कैंसर के शुरुआती संकेतों को न करें नजरअंदाज, हल्का दर्द भी हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत

गाइनोकॉलॉजिकल कैंसर के शुरुआती संकेतों को न करें नजरअंदाज, हल्का दर्द भी हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत
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कई महिलाएं अपने दर्द को जीवन का हिस्सा मानकर चलती रहती हैं। बचपन से ही उन्हें यह सीख दी जाती है कि पीरियड्स का दर्द, पेट का खिंचाव, हल्की स्पॉटिंग या पीठ की थकान सामान्य है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक किसी डॉक्टर द्वारा कारण स्पष्ट न किया जाए, कोई भी दर्द सामान्य नहीं माना जाना चाहिए। यह शरीर का संकेत होता है जो किसी भीतर छिपी गंभीर समस्या की ओर इशारा करता है।

मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल के स्त्रीरोग कैंसर विशेषज्ञ डॉक्टर योगेश कुलकर्णी बताते हैं कि कई बार महिलाएं लक्षणों को हल्के में लेती रहती हैं और इसी बीच कई बीमारियां चुपचाप बढ़ जाती हैं। एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉइड, हार्मोनल असंतुलन, इंफेक्शन और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां शुरुआत में हल्के दर्द से ही संकेत देती हैं। समस्या यह है कि पेट या पेल्विक दर्द को अक्सर सामान्य पीरियड दर्द समझकर टाल दिया जाता है जबकि लगातार बना रहने वाला दर्द शरीर का एसओएस सिग्नल हो सकता है।

किस तरह का दर्द खतरे का संकेत देता है

पीरियड में अत्यधिक दर्द

यह एंडोमेट्रियोसिस, एडेनोमायोसिस या फाइब्रॉइड का संकेत हो सकता है।

महीने के बीच में होने वाला पेल्विक दर्द

कुछ मामलों में यह गर्भाशय या ओवरी से जुड़ी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत होता है।

संभोग के दौरान दर्द

यह ओवरी में गांठ, एंडोमेट्रियोसिस, इंफेक्शन या सर्विक्स संबंधी दिक्कतों का परिणाम हो सकता है।

अचानक एक तरफ तेज चुभन जैसा दर्द

ओवेरियन टॉर्शन, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी या फटे हुए सिस्ट का खतरा होता है जो आपात स्थिति बन सकता है।

कमर दर्द के साथ खून आना

यह एंडोमेट्रियम की समस्या, फाइब्रॉइड या संक्रमण का संकेत हो सकता है।

लगातार पेट फूलना और हल्का दर्द

यह ओवेरियन कैंसर का शुरुआती बड़ा संकेत माना जाता है।

किन लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से मिलें

बिना वजह पेट या पेल्विक दर्द

पीरियड्स के बीच या संभोग के बाद ब्लीडिंग

बहुत ज्यादा या अनियमित पीरियड

लगातार पेट फूलना या जल्दी पेट भरने का अहसास

यूरिन या संभोग में दर्द

दुर्गंधयुक्त या असामान्य डिस्चार्ज

पेल्विक क्षेत्र में सूजन या गांठ

परिवार में कैंसर का इतिहास

कोई भी नया लक्षण जो पहले जैसा महसूस न हो

विशेषज्ञों का कहना है कि दर्द को नजरअंदाज करने की आदत के कारण कई मामलों में कैंसर देर से पकड़ में आता है। जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच साल में नौ हजार चार सौ सत्ताईस कैंसर के मामले सामने आए हैं और इनमें से अधिकतर महिलाओं में बीमारी स्टेज तीन या चार में जाकर पता चली। यदि शुरुआती लक्षणों को समय पर पहचाना जाता तो कई जिंदगियां बच सकती थीं।

महिलाएं अपनी सेहत को पीछे रखने की वजह से भी गंभीर बीमारियों को समय पर पकड़ नहीं पातीं। शरीर के बदलावों को नजरअंदाज करना, गाइनोकॉलजिकल समस्याओं पर खुलकर बात न कर पाना और घरेलू जिम्मेदारियों में उलझकर जांचों को टाल देना बीमारी को बढ़ा देता है। डॉक्टर कुलकर्णी बताते हैं कि खासकर ओवेरियन कैंसर में शुरुआती संकेत बेहद हल्के होते हैं, जैसे पेट फूलना या हल्का पेल्विक दर्द, जिसे सामान्य गैस या एसिडिटी समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। समय रहते इन संकेतों को समझकर चिकित्सा लेना कई गंभीर बीमारियों को रोक सकता है।

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