शराब की बोतलों पर भी हो कैंसर की चेतावनी: एम्स डॉक्टरों की सिफारिश, बढ़ते मामलों पर जताई चिंता

नई दिल्ली (हलचल)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के विशेषज्ञों ने शराब के बढ़ते सेवन और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है। एम्स के रेडियोथेरेपी विभाग के डॉक्टरों ने शराब की बोतलों पर भी सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की तरह कैंसर संबंधी चेतावनी दर्ज करने की सिफारिश की है।
यह सिफारिश हाल ही में एक मेडिकल जर्नल ‘फ्रंटियर्स’ में प्रकाशित रिपोर्ट में की गई है, जिसमें शराब और कैंसर के बीच संबंधों पर विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
🔹 कैंसर के बढ़ते आंकड़े
एम्स के सहायक प्रोफेसर डॉ. अभिषेक शंकर ने बताया कि भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
वर्ष 2012 से 2022 के बीच कैंसर मामलों में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ग्लोबोकान 2022 के अनुसार, भारत में वर्ष 2022 में करीब 14 लाख नए कैंसर केस दर्ज हुए और 9.16 लाख मौतें हुईं।
🔹 शराब से होते हैं 7 तरह के कैंसर
रिपोर्ट में बताया गया है कि जैसे तंबाकू के सेवन से 13 प्रकार के कैंसर होते हैं, वैसे ही शराब से 7 प्रकार के कैंसर होने का खतरा रहता है। इनमें शामिल हैं:
भोजन नली का कैंसर
लिवर कैंसर
कोलन (आंत) कैंसर
स्तन कैंसर
ओरल (मुख) कैंसर
गले का कैंसर
🔹 अमेरिका में भी जारी हुई चेतावनी
डॉ. शंकर ने बताया कि हाल ही में अमेरिका के सर्जन जनरल ने भी शराब के सेवन और कैंसर के खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि लिवर और पेट के कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं, इसलिए शराब की बोतलों पर भी स्पष्ट चेतावनी संदेश अनिवार्य किया जाना चाहिए।
🔹 सिर्फ सामान्य चेतावनी नहीं, हो विशिष्ट संदेश
डॉ. शंकर ने कहा कि वर्तमान में शराब की बोतलों पर केवल सामान्य स्वास्थ्य चेतावनियां दर्ज होती हैं, लेकिन "शराब के सेवन से कैंसर हो सकता है" जैसे विशिष्ट और सटीक संदेश अभी नहीं दिए जाते, जो उपभोक्ताओं को सही जोखिम के बारे में जानकारी देने के लिए जरूरी हैं।
🔹 कैंसर स्क्रीनिंग की सलाह भी जरूरी
एम्स डॉक्टरों ने यह भी सुझाव दिया है कि शराब और तंबाकू उत्पादों पर कैंसर की समय पर स्क्रीनिंग कराने की सलाह भी अंकित की जानी चाहिए, ताकि लोग समय रहते जागरूक हो सकें और गंभीर बीमारी से बचाव संभव हो सके।