श्रमिकों के लिए ईएसआईसी की 'स्प्री' योजना: पंजीकरण कराकर मुफ्त इलाज और अन्य लाभ पाएं

श्रमिकों के लिए ईएसआईसी की 'स्प्री' योजना: पंजीकरण कराकर मुफ्त इलाज और अन्य लाभ पाएं
भीलवाड़ा, 5 अगस्त, 2025: कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने भीलवाड़ा जिले के विभिन्न कंपनियों और उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों और उनके परिवारों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने के उद्देश्य से एक विशेष योजना 'स्प्री' (स्पेशल रजिस्ट्रेशन प्रॉप्टिंग इनिशिएटिव) शुरू की है। यह योजना उन नियोक्ताओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जिन्होंने अभी तक अपने प्रतिष्ठानों का ईएसआईसी के तहत पंजीकरण नहीं कराया है।
यह महत्वपूर्ण जानकारी मेवाड़ चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री में आयोजित एक सेमिनार में ईएसआईसी के उपक्षेत्रीय कार्यालय, उदयपुर के संयुक्त निदेशक दीपक चौरसिया ने दी। उन्होंने बताया कि 'स्प्री' योजना 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। इस अवधि के दौरान, अपंजीकृत नियोक्ता अपने प्रतिष्ठानों का पंजीकरण करा सकते हैं।
योजना के मुख्य बिंदु:
पंजीकरण की अवधि: नियोक्ता 31 दिसंबर तक इस योजना के तहत अपना पंजीकरण करा सकते हैं।
श्रमिकों को लाभ: पंजीकरण की तारीख से ही कर्मचारी और उनके परिवार (माता-पिता, पत्नी और बच्चे) ईएसआईसी के तहत मुफ्त इलाज के हकदार हो जाएंगे।
नियोक्ताओं को राहत: योजना की वैधता अवधि में पंजीकरण कराने वाले नियोक्ताओं को पंजीकरण की तिथि से ही कवरेज प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें किसी भी पूर्वव्यापी देनदारी से राहत मिलेगी।
सामाजिक सुरक्षा: पंजीकृत कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा बीमारी में आर्थिक सहायता, मातृत्व लाभ, विकलांगता लाभ और अन्य सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं भी मिलेंगी।
ईएसआईसी के उप क्षेत्रीय कार्यालय, उदयपुर के उप निदेशक दीपक कुमार मीणा ने स्पष्ट किया कि जिन कर्मचारियों का अब तक पंजीकरण नहीं हुआ है, उन्हें भी पंजीकरण की तारीख से ही ईएसआई अधिनियम के तहत सभी लाभ मिलने शुरू हो जाएंगे।
कर्मचारी भविष्य निधि निगम, भीलवाड़ा शाखा के प्रबंधक ललित किशोर ने इस बात पर जोर दिया कि ईएसआई अधिनियम, 1948 के अनुसार किसी भी कारखाने या प्रतिष्ठान को अधिनियम लागू होने के 15 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। यह योजना नियोक्ताओं को इस कानूनी अनिवार्यता को पूरा करने का एक विशेष अवसर प्रदान करती है।
यह पहल भीलवाड़ा के औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत हजारों श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अब बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और सामाजिक सुरक्षा का लाभ उठा सकेंगे।