रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं मलेरिया के मामले, डेंगू ने भी बढ़ाई चिंता; दिल्ली वाले हो जाएं सावधान
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते मच्छर जनित रोगों के मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। यहां डेंगू के साथ-साथ मलेरिया रोगियों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार मलेरिया के मामलों ने नोएडा में पिछले तीन साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल अब तक यहां मलेरिया के 106 रोगियों की पहचान की गई है, जो साल 2022 में कुल दर्ज 104 मामलों से अधिक है। पिछले साल 2023 में 44 केस सामने आए थे। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को मच्छरों से बचाव के उपाय करते रहने की सलाह दी है।
दिल्ली-एनसीआर में मलेरिया और डेंगू दोनों ही बीमारियां बड़े खतरे के रूप में उभरती देखी जा रही हैं। नोएडा में अब तक डेंगू के 128 मामले सामने आए हैं। वहीं राजधानी दिल्ली में सितंबर के आखिरी हफ्ते में डेंगू के 300 से ज्यादा नए मामले सामने आए। इस साल 20 सितंबर तक दिल्ली-एनसीआर में डेंगू के कुल 1229 मामले दर्ज किए गए और दो लोगों की मौत भी हुई है।
डेंगू और मलेरिया का खतरा
जिला मलेरिया अधिकारी श्रुति कीर्ति वर्मा ने सभी लोगों को मच्छरों से बचाव और मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय करते रहने की सलाह दी है। अधिकारी ने बताया मच्छरों के पनपने के स्थानों की जांच की जा रही है। आवासीय सोसाइटियों और घरों में जहां मच्छरों के लार्वा पाए गए हैं, वहां 150 से अधिक नोटिस जारी किए गए हैं।
डेंगू और मलेरिया के मच्छर स्थिर पानी में पनपते हैं, इसलिए जल जमाव को रोकना जरूरी है। मलेरिया की स्थिति कुछ मामलों में जानलेवा भी हो सकती है।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
अमर उजाला से बातचीत में ग्रेटर नोएडा स्थित अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर श्रेय श्रीवास्तव ने बताया कि हर दिन ओपीडी में डेंगू-मलेरिया के रोगियों का निदान किया जा रहा है। बुखार की समस्या के साथ आ रहे 60 फीसदी लोगों में डेंगू का निदान किया जा रहा है, मलेरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ रही है।
चिंताजनक ये है कि कई बार जांच में मलेरिया की रिपोर्ट निगेटिव आ जाती है जबकि मरीज में सारे लक्षण होते हैं। इन स्थितियों में विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है क्योंकि मरीजों में प्लेटलेट काउंट तेजी से कम होने का खतरा रहता है जिससे लक्षण बिगड़ सकते हैं।
मलेरिया के लक्षणों को जानिए
मलेरिया से पीड़ित लोगों में आमतौर पर तेज बुखार और ठंड लगने की दिक्कत देखी जाती है। इसके साथ कुछ लोगों को मतली और उल्टी, पेट में दर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द की दिक्कत हो सकती है। मलेरिया के लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर काटने के कुछ हफ़्तों के भीतर शुरू होते हैं। अगर किसी को चार-पांच दिनों से तेज बुखार की समस्या हो रही है तो उसे डॉक्टर की सलाह पर जांच जरूर करा लेनी चाहिए। समय पर इन बीमारियों का निदान और इलाज न होने पर रोग के लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा रहता है।
मच्छरों से बचाव के करें उपाय
डॉक्टर कहते हैं, मलेरिया-डेंगू के खतरे को कम करने के लिए मच्छरों से बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है। इसके लिए पूरी आस्तीन के सुरक्षात्मक कपड़े पहनें, मच्छरदानी और कीटनाशकों का प्रयोग करें। जिन स्थानों पर मलेरिया के मामले अधिक हैं वहां की यात्रा से बचें। नवजात-बच्चों, बुजुर्गों में इन रोगों के कारण लक्षणों के गंभीर रूप लेने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। गर्भवती के लिए भी मलेरिया और डेंगू की स्थिति खतरनाक हो सकती है, इसलिए बचाव के उपाय जरूरी हैं