नाखून सिर्फ खूबसूरती का हिस्सा नहीं, सेहत का भी देते हैं संकेत

नाखून सिर्फ खूबसूरती का हिस्सा नहीं, सेहत का भी देते हैं संकेत
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हमारी सेहत की छोटी-छोटी झलकियाँ अक्सर नाखूनों में भी दिखाई देती हैं। नाखूनों का रंग, बनावट और मजबूती शरीर की पोषण स्थिति और अंदरूनी बीमारियों के संकेत दे सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर समय रहते इन संकेतों को पहचाना जाए तो गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।

टूटते नाखून: हाइपोथायरॉइडिज्म या आयरन की कमी का संकेत

अगर नाखून बार-बार कमजोर होकर टूटते हैं, तो यह केवल ड्राईनेस या हाथों की नमी की वजह नहीं होती। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हाइपोथायरॉइडिज्म या आयरन की कमी का संकेत भी हो सकता है। घर के काम करते समय दस्ताने पहनना और हैंड मॉइश्चराइजर का नियमित इस्तेमाल जरूरी है।

कटे-फटे नाखून: नेल पॉलिश और गलत आदतें भी जिम्मेदार

बार-बार नेल पॉलिश रिमूवर का इस्तेमाल या नाखूनों को टूल की तरह इस्तेमाल करना उन्हें कमजोर और फटे हुए बना सकता है। आयरन की कमी न होने पर भी यह समस्या नाखूनों की देखभाल न करने की वजह से होती है। विशेषज्ञ कहते हैं कि काम के बाद नाखूनों पर मॉइश्चराइजिंग लोशन लगाना मददगार होता है।

आड़ी-तिरछी लकीरें: किडनी या अन्य गंभीर रोगों का संकेत

नाखूनों पर सामान्यतः हल्की लकीरें आ सकती हैं, लेकिन सीधी और गहरी लकीरें गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे किडनी रोग का संकेत देती हैं। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

नाखूनों का रंग बदलना: फंगल संक्रमण से गंभीर बीमारियां

* **पीले नाखून**: फंगल इंफेक्शन, थायरॉइड की समस्या, सोरायसिस या डायबिटीज का लक्षण हो सकते हैं। लंबे समय तक नेल पॉलिश का इस्तेमाल भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है। टी ट्री ऑयल और विटामिन ई ऑयल घरेलू उपाय के रूप में उपयोगी हैं।

* **काली रेखाएं**: स्प्लिंटर हेमरेज यानी काली-भूरी रेखाएं चोट के अलावा नेल मेलानोमा, सोरायसिस या एंडोकार्डिटिस जैसी बीमारियों का भी संकेत हो सकती हैं।

* **सफेद धब्बे**: ज़िंक की कमी, एलर्जिक रिएक्शन, फंगल इंफेक्शन या चोट के कारण नाखूनों पर सफेद धब्बे दिख सकते हैं।

नाखूनों पर ध्यान देना क्यों जरूरी?

विशेषज्ञों का कहना है कि नाखून सिर्फ बाहरी सजावट का हिस्सा नहीं हैं। बार-बार टूटना, धब्बे या रंग बदलना किसी भी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। समय रहते डॉक्टर से सलाह लेने पर कई गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।


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