भीलवाड़ा में बढ़ेगा गर्मी का टॉर्चर, हीटवेव का अलर्ट: हार्ट और किडनी के मरीजों के लिए दिक्कतें बढ़ा सकता बढ़ता तापमान

भीलवाड़ा हलचल आमतौर पर गर्मी के मौसम में लोग चिलचिलाती धूप, उमस और तपन से परेशान रहते हैं. अप्रैल के महीने में तो गर्मी और अपने शबाब में आना शुरू करती है, मंगलवार को भीलवाड़ा में तेज गर्मी के चलते पंखे कूलर अभी से फील होते नजर आये ,राजस्थान के तापमान में बढ़ोतरी होगी और हीट वेव चलेगी. दिन के साथ-साथ रात भी गर्म होगी. आज और कल प्रदेश के 5 संभागों में हीट वेव और उष्ण रात्रि का अलर्ट जारी किया गया है. लू का अलर्ट जारी होने के बाद से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। अस्पताल अभी से बीमार लोगों के इलाज की तैयारियों में जुट गए हैं। अस्पताल में पिछले साल तैयार किए गए हीट स्ट्रोक यूनिट को फिर से एक्टिव कर दिया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सावधान किया है।
गर्म मौसम और हीटवेव किसी को भी प्रभावित कर सकता है, इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसे-जैसे आपका शरीर बढ़ते तापमान के कारण गर्म होता जाता है, आपकी रक्त वाहिकाएं फैलने लगती हैं, जिससे रक्तचाप कम हो जाता है। इसके कारण आपके दिल को पूरे शरीर में रक्त का संचार करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ये मौसम हृदय के मरीजों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इन महीनों में बरती गई थोड़ी भी लापरवाही आपके स्वास्थ्य के लिए दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती है।
गर्मी से होने वाली बीमारियों में चक्कर आना, बेहोशी, मतली और सिरदर्द आम हैं, पर कुछ जटिलताएं जानलेवा भी हो सकती हैं। ये मौसम किडनी की समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
किडनी पर असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हीटवेव का आपकी किडनी पर भी नकारात्मक असर हो सकता है, वहीं जिन लोगों को पहले से ही किडनी की दिक्कत है उन्हें और भी सावधान रहना चाहिए। अत्यधिक गर्मी के संपर्क में रहने वाले लोगों में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन, किडनी इंजरी होने या किडनी में पथरी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
हीटवेव के अधिक संपर्क में रहने वालों में मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) का भी जोखिम अधिक देखा जाता रहा है, विशेषकर महिलाओं में।
हीटवेव का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ लोगों के हीटवेव के दुष्प्रभावों का जोखिम अधिक हो सकता है।
सड़क पर काम करने वाले मजदूर रेहड़ी-पटरी वाले लोग।
लंबे समय तक धूप में रहने वाले या कम पानी पीने वाले लोग।
वृद्ध-शिशु या फिर गर्भवती में हीटवेव के लक्षणों के गंभीर रूप लेने का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है।
अगर गर्मी के कारण सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह सूखने की दिक्कत हो, चक्कर और उल्टियां आ रही हों, कमजोरी के साथ शरीर में बहुत दर्द होऔर पसीना आना बंद हो गया है तो बिना देर किए नजदीकी अस्पताल में पहुंचें। ये समस्याएं लू लगने का संकेत हो सकती हैं।
लू-तापघात के उपाय - करे
1. घरो से दोपहर 11.00 से सांय 05.00 बजे तक नही निकले। आवश्यक होने पर सिर पर गीला कपडा ढक कर रखे।
2. अधिक से अधिक ठण्डे पानी का सेवन करे,दही छाछ, कच्ची केरी,नीबू पानी एंव ताजा फलो का अधिक से अधिक सेवन करे।
3. मादक पदार्थो का सेवन नही करे।
4. हरी सब्जी पालक, मैथी, टमाटर आदि को अधिकाधिक प्रयोग करे, भरपूर नींद लेवे।
लू-तापघात के उपाय - नही करे
1. बच्चे एंव बूजूर्ग कदापि दोपहर में बाहर नही निकले।
2. वाहन पर बिना मुह ढके आवाजावी नही करे।
लू-तापघात के लक्षण -
1. रोगी को चक्कर आना, तेज सर दर्द होना,उल्टी एंव दस्त की शिकायत होना।
2. पाचन क्षमता का कमजोर पडना, अचानक उच्च रक्तचाप होना।
3. घबराहट होना, कपकपी छुटना। उक्त लक्षण होने पर नजदीकी चिकित्सक से परामर्श एंव पूर्ण उपचार लेवे।
9 अप्रैल तक सताएगी गर्मी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में भीषण गर्मी का दौर 9 अप्रैल तक जारी रहने की संभावना है। 11 अप्रैल से प्रदेश में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इसके असर से बादल छाने और कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी होने की संभावना है। इसके बाद लोगों को इस तेज गर्मी से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।