बेमौसम बारिश से बढ़ा बीमारियों का खतरा, सावधानी से ही मिलेगा बचाव

भीलवाड़ाविजय गढ़वाल । जिले के साथ ही पूरे प्रदेश में हो रही बेमौसम बारिश जहां किसानों की फसलों पर कहर बनकर बरसी है, वहीं आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बढ़ा रही है। मौसम में अचानक बदलाव, गिरते तापमान और बढ़ती नमी ने मौसमी बीमारियों के फैलने की रफ्तार तेज कर दी है। डॉक्टरों का कहना है कि यह समय संक्रमणजनित बीमारियों के प्रसार के लिए सबसे अनुकूल होता है, क्योंकि नमी में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।
भीगने से बढ़ सकता है खतरा
डॉक्टर दुष्यंत शर्मा के अनुसार यह मानसून की सामान्य बारिश नहीं है, बल्कि यह ऐसे समय पर हो रही है जब तापमान गिरने लगता है। इस दौरान यदि कोई व्यक्ति भीग जाता है तो उसे सर्दी, जुखाम, वायरल, गले में खराश और बुखार जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अचानक ठंड लगने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है।
डेंगू और मलेरिया का खतरा
डॉक्टर नरेश खंडेलवाल का कहना है कि बेमौसम बारिश से मच्छरों के पनपने का माहौल बन गया है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा ठंडक और नमी के कारण गले में संक्रमण, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, साइनस जैसी श्वसन संबंधी दिक्कतें भी बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए, क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
संक्रमण से बचने के उपाय
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि गीले कपड़ों में ज्यादा देर न रहें और भीगने के तुरंत बाद सूखे कपड़े पहनें। सुबह और शाम के समय हल्के ऊनी कपड़े पहनें ताकि ठंड से बचाव हो सके। पानी को उबालकर या फिल्टर करके पिएं। घर के आसपास पानी जमा न होने दें और मच्छरदानी का प्रयोग करें। फल-सब्जियों को धोकर खाएं और बाहर का तला-भुना खाना खाने से बचें।
लापरवाही न करें
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दो-तीन दिनों तक बेमौसम बारिश और ठंडी हवाओं की स्थिति बनी रह सकती है। ऐसे में लोगों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। थोड़ी सी सावधानी और स्वच्छता बरतने से मौसमी बीमारियों से बचा जा सकता है और परिवार को संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रखा जा सकता है।
