मरीज होश में था: कोमा में बताकर अस्पताल रुपये ऐंठ रहा था … निजी अस्पतालों की काली सच्चाई

प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है।निजी अस्पतालों की काली सच्चाईमध्य प्रदेश में रतलाम के प्रसिद्ध जीडी हॉस्पिटलमें मरीज के उपचार की गलत जानकारी देकर स्वजन से २ लाख रुपये मंगवाने व मारपीट करने की शिकायत का मामला सामने आया है। इस मामले में जांच भी शुरू हो गई है। जांच दल ने मरीज के स्वजन, अस्पताल स्टाफ के बयान लिए। जांच रिपोर्ट सीएमएचओ के माध्यम से कलेक्टर को भेजी जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
फिर हुआ हंगामा
सोमवार को युवक बंटी का मोतीनगर में विवाद हो गया था। आरोपियों ने बंटी पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया था। गंभीर चोट होने पर बंटी को स्वजन पहले मेडिकल कॉलेज और बाद में जीडी हॉस्पिटल लेकर गए।
दोपहर में बंटी नाक में लगी नली व यूरिन की थैली लेकर स्वजन के साथ अस्पताल से बाहर आया और शोर मचाकर कहने लगा कि अस्पताल में बार-बार रुपयों की मांग की जा रही है। यहां किसी को भर्ती मत करना।
स्वजन कहने लगे कि 20 हजार रुपए पहले जमा करा लिए गए। हंगामे का वीडियो सामने आने के बाद कलेक्टर राजेश बाथम के निर्देश पर सीएमएचओ डॉ. एमएस सागर ने तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया था।
मंगलवार को जांच दल में शामिल डॉ. बीएल तापड़िया, डॉ. प्रणव मोदी व आशीष चौरसिया जीडी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां अस्पताल के स्टाफ, संचालक डॉ. लेखराज पाटीदार आदि के बयान दर्ज किए गए।
बयान में अस्पताल स्टाफ ने जरूरी उपचार करने व 20 हजार रुपये जमा कराने की बात कही है। उपचार में 6920 रुपये खर्च होने व शेष राशि वापस देने की सूचना मरीज के स्वजन को देने की जानकारी भी जांच दल को दी।
ये बोली पत्नी-
उधर शिकायतकर्ता बंटी व उनके स्वजन दोपहर में जिला अस्पताल स्थित सीएमएचओ ऑफिस पहुंच गए और बयान दर्ज कराया। बयान में सभी ने अस्पताल में स्टाफ द्वारा अभद्रता करने व अधिक राशि मांगने के आरोपों को दोहराया है। मामले में बंटी की पत्नी लक्ष्मी निनामा ने कलेक्टर कार्यालय में भी शिकायत की है।
इसमें उल्लेख किया गया कि जीडी हॉस्पिटल ले जाने पर डॉक्टरों ने हजार रुपये जमा करवाए। रुपये देने पर एक लाख रुपये और मांगे। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने का हवाला देने पर भी डॉक्टर नहीं माने। हमसे झूठ बोला कि पति कोमा में हैं, जबकि पति होश में थे और जोर जोर से चिल्ला रहे थे। हॉस्पिटल में उपचार की ठीक से जानकारी नहीं दी गई और न ही पति को देखने दिया। अभद्र व्यवहार कर गाली-गलौज भी की गई।डॉक्टरों ने बंटी की पत्नी लक्ष्मी निनामा को बताया था कि उनकी हालत बेहद खराब है और आगे के इलाज के लिए अस्पताल में पैसे जमा कराने होंगे। लक्ष्मी ने किसी तरह रुपयों का इंतजाम किया और अस्पताल पहुंची। लेकिन लोग उस वक्त चौंक गए जब बंटी आईसीयू से अपने पैरों पर चलकर बाहर निकले और कहा कि हॉस्पिटल वालों ने उनको बंधक बना रखा था।
रतलाम स्वास्थ विभाग में मीडिया प्रभारी आशीष चौरसिया ने कहा कि उन्हें सोशल मीडिया से इस बारे में जानकारी मिली। चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर (CMHO) ने जांच के लिए तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है। हमने शिकायतकर्ता, उसकी पत्नी और अन्य के बयान लिए हैं। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज जमा कर लिए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन के कर्मचारी और प्रबंधन के लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। अस्पताल प्रबंधन इसमें दोषी पाया जाता है तो नर्सिंग होम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा