क्या अब भारत के लिए खतरा बनेगा मंकीपॉक्स वायरस? एक्सपर्ट्स से जानें
भारत में भी अब एमपॉक्स यानी मंकीपॉक्स वायरस का एक केस आ गया है. विदेश से दिल्ली लौटे मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण मिले थे. इस मरीज को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में मरीज की जांच की गई और यह मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित मिला. मंकीपॉक्स का एक केस आने के बाद अब और भी मामले आने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में क्या आने वाले दिनों में भारत में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं?
पिछली बार साल 2022 में दुनियाभर में मंकीपॉक्स के केस आए थे. तब दुनिया के कई देशों में मिलाकर करीब एक लाख मामले दर्ज किए गए थे. उस दौरान भारत में भी इस वायरस के केस आए थे और केरल में एक मरीज की मौत हुई थी. हालांकि अन्य देशों की तरह भारत में ज्यादा मामले नहीं आए थे.
अब कुछ महीनों पहले फिर से मंकीपॉक्स वायरस फैलना शुरू हुआ था. पहले दक्षिण अफ्रीका में मंकीपॉक्स फैला था. इसके बाद दूसरे देशों में भी इसके केस बढ़ने लगे थे. लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वायरस को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया था. दो साल में दूसरी बार इस वायरस को इमरजेंसी घोषित किया गया था. तब से आशंका जताई जा रही थी कि भारत में भी मंकीपॉक्स का केस आ सकता है. सोमवार को एक केस की पुष्टि हो भी गई.
भारत में मंकीपॉक्स वायरस से कितना खतरा?
महामारी विशेषज्ञ डॉ जुगल किशोर बताते हैं कि भारत में मंकीपॉक्स का जो संक्रमित मरीज मिला है. उसमें मंकीपॉक्स के स्ट्रेन क्लेड 2 की पुष्टि हुई है. हालांकि ये वो स्ट्रेन नहीं है जिसके मामले दुनियाभर में बढ़ रहे हैं. भारत में साल 2022 में भी मंकीपॉक्स का क्लेड 2 मिला था. तब भारत में इस वायरस के करीब 30 मामले आए थे. ऐसे में इस बार भी कोई बड़ा खतरा नजर नहीं आ रहा है, लेकिन फिलहाल ये जरूरी है कि इस वायरस को लेकर प्रशासन और लोग अलर्ट रहें.
एयरपोर्ट पर जांच और बढ़ानी चाहिए और संदिग्ध मरीजों को जल्द से आईसोलेट करके उनका टेस्ट करना चाहिए. अगर कोई अन्य व्यक्ति संक्रमित मिलता है तो उसके संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग करके उनकी भी जांच करनी चाहिए.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा-निर्देश जारी किए
देश में मंकीपॉक्स का एक केस आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस को लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है की मंकीपॉक्स वायरस की रोकथाम के लिए सभी राज्यों को एक्शन लेना चाहिए. अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बेहतर रखने को कहा गया है. मरीज के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है की जो व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है उसकी हालत ठीक है. मरीज को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री निकाली गई है और उसके संपर्क में आए लोगों की भी ट्रेसिंग की जा रहे
मंकीपॉक्स के अधिकतर मामले पुरुषों में
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स के अधिकतर मामले पुरुषों में रिपोर्ट किए जाते हैं. खासतौर पर समलैंगिक पुरुषों में इस वायरस के अधिक केस आते हैं. एम पॉक्स के अधिकतर मामले शारीरिक संबंध बनाने के दौरान होते हैं. उसके बाद नजदीकी संपर्क वाले केस ज्यादा आते हैं. अगर कोई मरीज संक्रमित है तो उसके यूज किए गए तौलिए, कपड़ेस बिस्तर, बर्तन और सलाइवा के संपर्क में आने से भी यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में जा सकता है. हालांकि कोविड की तरह मंकीपॉक्स तेजी से नहीं फैलता है. चूंकि यह स्मॉलपॉक्स परिवार का ही वायरस है तो इसको लेकर कुछ लोगों में इम्यूनिटी भी होती है.
स्मॉलपॉक्स का टीका लेने वालों में कम खतरा
जिन लोगों को स्माॉलपॉक्स का टीका लग चुका है उनको मंकीपॉक्स का खतरा कम होता है, हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसे लोगों को मंकीपॉक्स नहीं होगा, लेकिन उनमें रिस्क कम होगा.
क्या हैं लक्षण
तेज सिरदर्द
बुखार
कमजोरी
मवाद वाले दानें
खाना निगलने में दिक्क्त
कैसे करें बचाव
किसी व्यक्ति में फ्लू के लक्षण हैं तो उसके संपर्क में न आएं
मंकीपॉक्स के लक्षण दिखते ही जांच कराएं
बिना प्रोटेक्शन के शारीरिक संबंध न बनाएं
मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा करने से बचें.