दादी के गुणों को करे आत्मासात 

दादी के गुणों को करे आत्मासात 
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चित्तौडग़ढ। ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के प्रताप नगर सेवा केंद्र पर आज परमात्मा द्वारा विश्व परिवर्तन की अग्रदूत दादी प्रकाशमणि की 16वीं पुण्यतिथि को विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया गया। बीके आशा दीदी ने बताया कि माउंट आबू से आए ब्रह्मा कुमार राज योगी करण भाई ने कहा कि पुण्यतिथि पर सभी संकल्प ले कि हम कभी भी गुस्सा नहीं करेंगे, सदा आपस में मिल जुल कर रहेंगे। आपसी एकता मधुरता धैर्यता और नम्रता को जीवन में धारण करेंगे स्वयं को देवियगुण से सुशोभित करेंगे और अपने मन में कभी भी वह ईष्र्या द्वेष नफरत गुस्से को अपने आसपास भी आने नहीं देंगे, क्योंकि इससे हमारे जीवन में परिवार में कई सारी नेगेटिव परिस्थितियों बनती है जिससे हमारी मानसिक स्थिति कमजोर होती है मनोविकार आते हैं और कई सारी बीमारियों का करण यह मनोविकार ही बनते हैं। 
उन्होंने बताया कि हमें सदा ही परमात्मा का धन्यवाद करें कि उन्होंने में इतना अ‘छा जीवन दिया इतना अ‘छा परिवार दिया समाज दिया और स्वयं ईश्वर हमसे राजी होकर हमें अपने सर्वगुण शक्तियां दे रहे हैं। निंबाहेड़ा सेवा केंद्र से आई शिवली दीदी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मिठ्ठू लाल जाट, विक्रम जाट, सागर सोनी आदि  ने दादी जी की श्रद्धांजलि दी। कपासन से आई मधु दीदी ने मेडिटेशन कर कर परमात्मा स्मृति दिलाई। राजयोगिनी आशा दीदी ने बताया की समय प्रति समय इस धरा पर इसका कम हारने किसी ने किसी महान विभूति का धरा पर आना होता है ऐसी महान आत्माएं आने वाली पीढियां के जीवन में हर समय का सहारा और पथ प्रदर्शक का कार्य करती है। पुण्य स्मृति दिवस पर हम सिर्फ दादी जी को याद करने तक ही सीमित नहीं है अपितु हमें अपना आत्म विश्लेषण भी करना है स्वयं को शांति की गहराई में ले जाकर अपने विशेषताओं को दादी की विशेषताओं के साथ जोडकऱ देखना है कि कहां कमी है जिन्हें हमें अपने जीवन में बदलाव लाना है। कार्यक्रम में रितु बहन, बाल किशन, मदनलाल धाकड़, दिनेश धाकड़, सुभाष पुरोहित आदि ने दादी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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