हमारी झोंपड़िया में
नमन-मगसम पटल कोटा
*कब आओगे राम,*
*हमारी झोंपड़िया में/*
*कब आएगा आराम,*
*हमारी झोंपड़िया में//*
*दुःख खटिया पर सोते रह गए,*
*जीवन हुआ तमाम,*
*हमारी झोंपड़िया में///*
दुःख घर आँगन छितरा डाला,
सुख का कुन्दे* लटका ताला/
हवा रोशनी टूटा छप्पर,
कुदरत देती हमें उजाला//
दुःख दर भीतर अटकी भागल*,
सुख लेता नहीं आने का नाम/
हमारी झोंपड़िया में//
*कब आओगे राम,*
*हमारी झोंपड़िया में/*
*कब आएगा आराम,*
*हमारी झोंपड़िया में//*
*दुःख खटिया पर सोते रह गए,*
*जीवन हुआ तमाम,*
*हमारी झोंपड़िया में///*
जीवन की जर्जर उधड़ी भित्ति,
गारे-गोबर की लीपा-पोती/
कच्ची रही झोंपड़िया रीती,
सदा गाँव गरीबी से रही प्रीति//
कई हादसों की बरखा से,
यह भी गिरी धड़ाम/
हमारी झोंपड़िया में//
*कब आओगे राम,*
*हमारी झोंपड़िया में/*
*कब आएगा आराम,*
*हमारी झोंपड़िया में//*
*दुःख खटिया पर सोते रह गए,*
*जीवन हुआ तमाम,*
*हमारी झोंपड़िया में///*
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*कुन्दे* =जिस पर साँकल टिका
ताला लगाया जाता है।
*भागल*=लकडी या लोहे का पट्टा भीतर से
दरवाजा अटकाने का जिस पर
बाहर से भी कड़ी खोलने के लिये
अटकी रहती है।