प्रचार से आखिर क्यों गायब हैं वसुंधरा राजे

प्रचार से आखिर क्यों गायब हैं वसुंधरा राजे
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भाजपा के लिए फायदा या नुकसान?

प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा और दोनों उप मुख्यमंत्री भी सभी सीटों पर प्रचार के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं। लेकिन प्रचार के शोर से राजस्थान का एक प्रमुख चेहरा गायब है। वह चेहरा कोई और नहीं प्रदेश की राजनीति की 25 सालों तक नुमाइंदगी करने वालीं वसुंधरा राजे का है। पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जैसी सक्रियता दिखाई थी, वैसी लोकसभा चुनाव प्रचार में अभी तक नहीं देखने को मिल रही है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि आखिरी पूर्व वसुंधरा राजे कहां हैं? इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। कुछ जानकार इसे वसुंधरा की नाराजगी भी बता रहे हैं।




किसी भी चुनावी कार्यक्रम में नहीं दिखीं राजे

दरअसल, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम प्रदेश के स्टार प्रचारकों में भी शामिल है, लेकिन झालावाड़ सीट को छोड़कर प्रदेश में कहीं भी प्रचार करते नजर नहीं आ रही हैं। इस सीट से राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनावी मैदान में हैं। प्रधानमंत्री मोदी अब तक प्रदेश में पांच चुनावी सभा और एक रोड शो कर चुके हैं। लेकिन राजे पीएम के किसी भी चुनावी कार्यक्रम में नजर नहीं आई हैं। हालांकि भाजपा के स्थापना दिवस छह अप्रैल को राजे दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात भी की थी। लेकिन प्रदेश के पहले चरण का प्रचार थमने के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है कि आखिरी राजे प्रचार से क्यों दूर हैं? क्या वे केवल अपने बेटे की सीट तक सिमट कर रह गई हैं?

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