अपने बच्चे को कैसे खुलकर बात करने के लिए करें प्रोत्साहित? जानें

अपने बच्चे को कैसे खुलकर बात करने के लिए करें प्रोत्साहित? जानें
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जब बच्चे किशोरावस्था में पहुंच जाते हैं तो ऐसे में उनसे किसी भी विषय में बात करना ऐसा लगता हो मानों आप एक लैंडमाइंस से भरे फील्ड में टहल रहे हैं. किशोरावस्था के दौरान जो बच्चे होते हैं वे फिजिकली और मेंटली कई बदलावों से गुजरते हैं और इनमें कई तरह भावनाएं भी उत्पन्न होती रहती है. इस उम्र में कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे अपने माता-पिता से बात करना कम कर देते है और इसके साथ ही वे चीजों को शेयर करना भी कम कर देते है. जब ऐसा होता है तो यह काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है कि आप उनके साथ एक मजबूत और भरोसेमंद रिश्ता कायम करें ऐसा कर आप उनके डेवलेपमेंट में काफी अहम योगदान देते हैं. आज इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप अपने बच्चों से एक बेहतर बांड बना सकेंगे और उन्हें खुलकर किसी भी विषय पर बात करने के लिए प्रोत्साहित भी कर सकेंगे.

अपने बच्चों में भरोसा जगाएं

अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे खुलकर बात करें तो ऐसे में यह काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है कि आप उनके मन में खुद को लेकर भरोसा जगाएं ताकि अपनी किसी भी बात को वह आपके सामने रखने से पहले संकोच न करें और आराम महसूस करें. उनके अंदर यह डर बिलकुल भी नहीं होना चाहिए कि अआप उन्हें जज करेंगे या फिर या फिर उनकी आलोचना करेंगे. उनकी बातों को ध्यान से सुनें और आंखों में आंखें डालकर उनसे बात करें. जब आप उनसे बात कर रहे हैं तो उनकी बातों को सुनते हुए अपने सिर को हिलाएं ताकि उन्हें एहसास हो कि आप उनकी बातें सुन रहे हैं. उनकी किसी भी बात को काटने से बचें. उनके अंदर यह भरोसा जगाएं कि आप उनका समर्थन करते है चाहे हालात कुछ भी हो.


उदहारण सेट करें

आप किस तरह से व्यवहार करते हैं इस बात का आपके बच्चे आपसे खुलकर बात करेंगे या फिर नहीं इसपर काफी गहरा असर पड़ता है. अपने खुद के अनुभवों को उनके साथ शेयर करें. उन्हें यह बात जरूर बताएं कि जीवन में हार मिलना काफी आम बात है. खुलकर बात करना भी काफी जरुरी है केवल यहीं नहीं, अपनी भावनाओं को भी खुलकर ऊके सामने रखें. जब आप ऐसा करते हैं तो आपके बच्चे भी आपसे खुलकर बात करने लगते हैं.

क्वालिटी टाइम स्पेंड करें

अगर आप अपने बच्चे के साथ रिश्ते को मजबूत बनाना चाहते हैं तो ऐसे में यह काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है कि आप उनके साथ ढेर सारा समय बिताएं. ऐसे एक्टिविटीज का हिस्सा बनें हो आपके बच्चों को काफी ज्यादा पसंद हों. उनके पसंदीदा स्पोर्ट्स और घूमने फिरने की जगहों पर जाएं. जब आप ऐसा करते हैं तो आप दोनों के बीच खुलकर बातें होती है और इसके साथ ही रिश्ता भी मजबूत होता है. दिन में कम से कम कुछ देर तक अपने बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करने को प्राथमिकता दें. कोशिश करें कि आप जिस समय उनके साथ हों तो आप दोनों के बीच कोई और न आए.


उनकी प्राइवेसी का रखें ख्याल

आपको इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि आपके बच्चों को भी प्राइवेसी चाहिए. ऐसे में आपको उनके निजी मामलों में बोलने से या फिर कोई प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए. आपको इस बात का भरोसा होना चाहिए कि जब आपके बच्चे सही महसूस करेंगे तो खुद आपसे अपनी बातों को शेयर करेंगे. ऐसा कर आप दोनों अपने इस रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं.

धैर्य के साथ करें बात

बच्चों के अंदर भरोसा जगाना काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है अगर आप चाहते हैं कि वे आपसे खुलकर बात करें. यह निरंतर प्रयास और धैर्य के साथ हासिल किया जा सकता है. अगर आपके बच्चे आपके पूछते साथ जवाब न दें तो इससे आपको गुस्सा होने की या फिर निराश होने की जरुरत बिलकुल भी नहीं है. अपने बच्चों को खुलकर बात करने का मौका देते रहें और उन्हें भरोसा दिलाएं कि आप हमेशा उनके लिए अवेलेबल हैं.

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