करवा चौथ पर वाइफ हो जाएगी इंप्रेस, बस उसके सामने पढ़ दें मशहूर शायरों के ये शेर

करवा चौथ पर वाइफ हो जाएगी इंप्रेस, बस उसके सामने पढ़ दें मशहूर शायरों के ये शेर
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करवा चौथ का दिन पति और पत्नी के रिश्ते के लिए बेहद खास होता है. ये सिर्फ एक व्रत नहीं होता है, बल्कि ये दिन सेलिब्रेट अपने प्यार भरे रिश्ते को सेलिब्रेट करने का होता है और एक दूसरे के प्रति अपना प्यार और केयर दिखाने के होता है. हर साल करवा चौथ का फेस्टिवल पति-पत्नी के रिश्ते को और भी मजबूत करने का काम करता है. महिलाएं अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए दिनभर बिना कुछ खाए और पिए व्रत करती हैं. ऐसे में पति भी सोचते हैं कि पत्नी के लिए कुछ ऐसा किया जाए कि उसे खुशी मिले. आपको इसके लिए ज्यादा एफर्ट लगाने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि एक महिला या लड़की अपने लव पार्टनर की छोटी सी प्यार भरी बात से भी बहुत खुश हो जाती है।

20 अक्टूबर को करवा चौथ सेलिब्रेट किया जा रहा है. आज के दिन आप अपनी पत्नी के प्रति प्यार जताना चाहते हैं या उसकी तारीफ करना चाहते हैं तो शायरी से बढ़िया और क्या हो सकता है. हालांकि हर किसी को शायरी करना नहीं आती है, लेकिन ये इतना मुश्किल भी नहीं है, क्योंकि मशहूर शायरों ने मोहब्बत से लेकर लव पार्टनर की तारीफों के पुल बांधने तक बेहतरीन शायरियां लिखी हैं. इन शायरियों को आप अपनी पत्नी के लिए बोल सकते हैं तो चलिए देख लेते हैं.

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है। इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है।। निदा फ़ाज़ली

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूं। मिरी सादगी देख क्या चाहता हूं।। अल्लामा इक़बाल

न पूछो हुस्न की तारीफ हम से। मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है।। आदिल फारूकी

एक चेहरा है जो आंखों में बसा रहता है। इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता।। जावेद नसीमी

इक मुलाक़ात का जादू कि उतरता ही नहीं। तिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है।। राहत इंदौरी

सूरज सितारे चांद मिरे साथ में रहे। जब तक तुम्हारे हाथ मिरे हाथ में रहें।। राहत इंदौरी

मैं जिन दिनों तिरे बारे में सोचता हूं बहुत। उन्हीं दिनों तो ये दुनिया समझ में आती है।। वसीम बरेलवी

इक रात चांदनी मिरे बिस्तर पे आई थी। मैंने तराश कर तिरा चेहरा बना दिया।। अहमद मुश्ताक़

तेरा चेहरा कितना सुहाना लगता है। तेरे आगे चांद पुराना लगता है।। कैफ़ भोपाली

अब्र में चाँद गर न देखा हो। रुख़ पे ज़ुल्फ़ों को डाल कर देखो।। जोश लखनवी

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